शर्मा ने स्पष्ट किया कि केवल अदालत ही इस जानकारी की संरक्षक है। अगर किसी और ने आपको कोई जानकारी दी है तो कोर्ट कमीशन का इससे कोई लेना-देना नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या सर्वे में शामिल किसी सदस्य को आयोग की कार्यवाही से वंचित रखा गया था, शर्मा ने कहा कि कल हमें सूचना मिली थी कि एक सदस्य को आयोग की गतिविधियों से 15-20 मिनट के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन बाद में उसे कार्यवाही का हिस्सा बनने की अनुमति दे दी गई थी। दरअसल, इस सदस्य ने अदालत के निर्देशों के खिलाफ गोपनीय जानकारी साझा की थी।