लखनऊ। बाजारों में इस समय असली उर्वरकों से ज्यादा नकली उर्वरकों की बाढ़ आई हुई है। असली और नकली की पहचान न होने के कारण किसान नकली उर्वरकों को लेकर फंस जाते हैं और किसान भाइयों को फिर नुकसान उठाना पड़ता है। असली और नकली उर्वरकों की पहचान के लिए हमने चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मृदा वैज्ञानिक एवं विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. खलील खान से खास बातचीत की।
उन्होंने बताया कि असली एवं नकली उर्वरकों की पहचान घरेलू स्तर पर स्वयं कृषक भाई कर सकते हैं। मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने बताया कि असली यूरिया के दाने सफेद, चमकदार और एक समान आकार के होते हैं। इसके दाने पानी में पूरी तरह घुल जाते हैं।
डॉक्टर खान ने बताया कि इसी तरह से डीएपी के कुछ दानों को हाथ में लेकर उसमें चूना मिलाकर मलने से यदि उसमें तेज गंध आने लगे और सूंघना मुश्किल हो जाए तो समझ लें कि डीएपी असली है। दूसरी विधि में डीएपी के कुछ दानों को गर्म तवे पर रखें, तवे पर दाने अपने आकार से फूल जाते हैं तो समझें कि यह असली डीएपी है।