मथुरा: वसंत पंचमी से होगा होली महोत्सव का आगाज

हिमा अग्रवाल

मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021 (08:59 IST)
मथुरा। ब्रजवासियों के लिए वसंत पंचमी उत्सव बेहद अहम होता है। क्योंकि इस दिन से ब्रज में रंगों-उत्सव शुरू हो जाता है, प्राचीन परंपराओं के मुताबिक मंदिरों में होली की तैयारी शुरू होने के साथ ही आमजनों में भी होली की उमंगें हिलोरें लेनी लगती है। इस बार 40 दिवसीय रंगोत्सव का आगाज वसंत पंचमी यानी 16 फरवरी (मंगलवार) से हो रहा है।
 
वसंत पंचमी पर ठाकुरजी बांकेबिहारी महाराज अपने भक्तों के साथ अबीर की होली खेलेंगे। ब्रज में वसंत पंचमी के दिन मंदिरों में ठाकुरजी को गुलाल अर्पण करने के साथ रसिया, धमार, फाग के पद और होली गीतों का गायन शुरू हो जाता है। मंदिरों में बांके बिहारी दर्शन के लिए आने वाले भक्तों पर प्रसाद स्वरूप गुलाल के छींटे डाले जाते हैं।

ब्रज में 40 दिन तक चलने वाले होली महोत्सव का आनंद लेने विदेशी भक्त ब्रज पहुंचत कर रंगों में सराबोर हो जाते हैं।
 
वसंत पंचमी को श्रीजी के धाम बरसाना में राधाकृष्ण के चरणों में गुलाल समर्पित करके होली महोत्सव का होली ढांडा गाड़ा जाता है। ढांडा एक लकड़ी का टुकड़ा होता है, जिसके नजदीक होली सजाई जाती है। जो इस बात का सूचक होता है कि अब ब्रज में 40 दिवसीय होली के आयोजन शुरू हो गए हैं।
 
माघ माह से ही रंगों की खुमारी लोगों के सिर चढ़ कर बोलने लगती है। माना जाता है कि वसंत पंचमी पर्व को सरस्वती देवी का अवतरण हुआ है, जिसके चलते मां सरस्वती पूजन किया जाता है और ब्रज में उमंग और उत्साह संचारित होने लगती है। हालांकि फाल्गुन पक्ष की शुक्ल नवमी को बरसाने की लट्ठमार होली खेली जाती है जो ब्रज की होली का मुख्य आकर्षण होती है। जिसे देखने के लिए दूर-दराज से बांके बिहारी के भक्त आते हैं।
 
वही वृंदावन के शाहजी मंदिर में वसंत पंचमी पर खुलेगा बसंती कमरा। यह बंसती कमरा साल में एक बार ही खुलता है, इस कमरे में राधा कृष्ण भगवान बसंती रंग में रंगे दिखाई देते है।
 
2021 ब्रज की होली के कार्यक्रम की सूची..
 
*16 फरवरी वसंत पंचमी बांकेबिहारी मंदिर में गुलाल की होली।
 
*16 मार्च को रमणरेती आश्रम में रंग गुलाल की होली।
 
* 22 मार्च बरसाना में लड्डू होली।
 
* 23 मार्च को बरसाना में लट्ठमार होली।
 
* 24 मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली।
 
* 25 मार्च श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर लट्ठमार के अलावा द्वारिकाधीश और ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में होली।
 
* 27 मार्च को गोकुल में छड़ी मार हुरंगा।
 
* 29 मार्च को चतुर्वेदी समाज का डोला। 
 
* 31 मार्च को बलदेव (दाऊजी) में हुरंगा।

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