इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी कि मुखिया सुश्री मायावती प्रदेश के ब्राह्मण मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए ब्राह्मण सम्मेलन करने कि तैयारियों मे जुट गई हैं, बसपा के इस ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम कि जन्मभूमि अयोध्या से 23 जुलाई को करने जा रही हैं, जो कि आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा का पहला ब्राह्मण सम्मेलन होगा।
दरअसल, बसपा यह ब्राह्मण सम्मेलन के जरिए एक बार फिर ब्राह्मण कार्ड खेलने जा रही है। 2007 में मायावती की 'सोशल इंजीनियरिंग' काफी चर्चा में रही थी। ऐसे में माना जा रहा है कि बसपा एक बार फिर अपनी उसी योजना पर काम कर रही है। 2007 के चुनाव के बाद ही बसपा के ब्राह्मण चेहरे सतीश मिश्रा बड़ी ताकत के रूप में उभरे थे। एक बार फिर मिश्रा की ताकत पार्टी में बढ़ सकती है।
बसपा के प्रमुख ब्राह्मण चेहरा सतीश चन्द्र मिश्रा समेत अन्य ब्राह्मण नेताओं को लेकर ब्राह्मणों को एकजुट करने की कोशिश की जाएगी। इन सम्मेलनों के माध्यम से बड़े-बड़े ब्राह्मण नेताओं, मुखियाओं व जाति के ठेकेदारों को भी पार्टी मे शामिल होने का फिर से दौर शुरू हो सकता है।