उल्लेखनीय है कि उत्तरप्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन के कर्मचारियों की भविष्यनिधि के 2,631 करोड़ों रुपए का अनियमित तरीके से डीएचएफएल में निवेश किए जाने के मामले में गत शनिवार को सीपीएफ ट्रस्ट और जीपीएफ ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव पीके गुप्ता और तत्कालीन निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी के खिलाफ मामला दर्ज कर इन दोनों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।