इस मामले मे जो भी रिपोर्ट आएं उसे बंद लिफाफे में रखा जाए, सार्वजनिक नही किया जाना चाहिए। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अफसोस प्रकट किया कि जो काम सरकार का है वह अब हाईकोर्ट कर रही है। सर्वे कमीशन को आठ जनवरी तक अपनी रिपोर्ट पेश करनी है।
सपा सांसद एसटी हसन ने बेबाकी से कहा कि यदि सर्वे में यह सिद्ध भी हो जाएं कि मस्जिद से पहले यहां हरिहर मंदिर था, तब भी यह मस्जिद गिराई नहीं जा सकती है, क्योंकि इसके लिए एक्ट है, एक्ट है तो कानून है, जब सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट मौजूद है। यह सरकार अमन-शांति को पलीता लगाने का काम कर रही है, देश से बाहर बैठे हुए लोगों का इन पर.नियत्रंण है और वह रिमोर्ट से इनको नियंत्रित कर रहे है, इसकी भी सीबीआई जांच होनी चाहिए की देश को महाशक्ति बनने से कौन रोक रहा है?
सपा सांसद ने कहा कि जो लोग 3500 मस्जिदों और दरगाहों पर सर्वे की बात कर रहें है वह अमन के लुटेरे है। देश की शांति को बर्बाद कर देना चाहते है, लेकिन मुस्लिम समाज को घबराने की जरूरत नही है। यह सर्वे करा लें, सर्वे में कुछ भी आता है तब भी उसके ढांचे में कुछ बदलाव नही हो सकता है। जक्ट और कानून के दायरे मेंं कम होना चाहिए, जिसके लिए हमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट पर पूरा भरोसा है।