यादव ने 'एक्स' पर पोस्ट में चुटकी लेते हुए कहा, 'उत्तर प्रदेश के दुग्ध मंत्री जी से आग्रह है कि वो पहले कन्नौज में बने-बनाए काउ मिल्क प्लांट को ही चलाकर दुध-किसानों के लिए कुछ आमदनी की व्यवस्था कर दें, फिर कूड़े से सोना बनाने की मशीन की बात करें।
उन्होंने कहा कि लगता है भाजपा में दूर की फेंकने का कम्पटीशन (प्रतियोगिता) चल रहा है। शायद मंत्री जी का तात्पर्य ये है कि भाजपाई भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि अब वो कूड़े के ठेकों से भी सोना ख़रीदने भर का कमीशन निकाल लेने की योजना पर कार्य कर रहे हैं। ये तो वो भी जानते हैं कि इस बात का अर्थ वो नहीं हो सकता है जो सीधे निकल रहा है, दरअसल वो संकेतों में बात कर रहे हैं।
पत्र में कहा गया कि चूंकि हमने इस खबर से यह जाना है कि आपने कूड़े को सोने में बदलने की कला में महारत हासिल कर ली है, इसलिए हम आपको लोहिया नगर में अपनी तकनीक का प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित करते हैं। इस तरह की उपलब्धि से न सिर्फ शहर को फायदा होगा बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। चौहान ने व्यंग्य से भरे पत्र में लिखा कि कृपया हमें इस कचरे को सोने में बदलने में मदद करें ताकि राज्य और देश की समृद्धि में योगदान हो सके।