असत्य पर सत्य, अधर्म पर धर्म और अन्याय पर न्याय की विजय का महापर्व विजयदशमी पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाई जा रही है। बुराई पर अच्छाई की जीत का यह महापर्व गोरखपुर में अपनी एक अलग पहचान रखता है। यहां उत्तरप्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ विजयदशमी पर नाथ संप्रदाय की परंपरा का निर्वहन करते हैं। वे गोरखनाथ मंदिर में पहले दंडाधिकारी की भूमिका में नजर आते है।
इस दौरान वे संतों की आपसी समस्याओं का सुनवाई करते हुए विवादों का निपटारा करते है। योगीजी सिर पर नाथ संप्रदाय की टोपी और गले में माला धारण करते हुए रथ पर सवार होकर प्रभु श्रीराम का तिलक करने के लिए निकलते है। मुख्यमंत्री का यह रूप वर्ष में एक बार ही देखने को मिलता है। मुख्यमंत्री की एक झलक पाने को लोग सड़कों और घरों की छत पर खड़े दिखाई देते हैं।
मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ नाथपंथ की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्यक्ष है। इसके चलते उनकी अगुवाई में निकलने वाली पारंपरिक शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा करके स्वागत किया गया। हिन्दू धर्म के अनुयायियों के साथ अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने पुष्पगुच्छ देकर यात्रा का अभिनंदन किया।
विजयदशमी पर्व की इस शोभायात्रा में सड़क पर नाथपंथ के विशेष वाद्ययंत्र नागफनी, तुरही, नगाड़े, काशी से आए डमरू दल, ढोल- बैंडबाजे की मधुर धुन सुनाई पड़ रही थी। हनुमान दल के बालक अपने हैरतंगेज कारनामे दिखाकर दर्शकों को अपनी तरफ लुभाने का सफल प्रयास करते नजर आयें।