अपनों को भी अपने प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देंगे योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक आबादी (लगभग 25 करोड़) वाला राज्य है। अगर यह देश होता दुनिया में चीन, अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और ब्राजील को छोड़ दें तो आबादी के लिहाज से यह पांचवां सबसे बड़ा देश होता।
 
यह आबादी यू ही नहीं है। लोग वहीं बसते हैं जहां आसानी से उनका गुजर-बसर हो सके। प्रकृति एवं परमात्मा की असीम अनुकंपा वाले उत्तर प्रदेश में कई वजहों से प्राचीन काल से ही इसकी क्षमता अभूतपूर्व रही है। यही वजह है कि भगवान श्रीराम एवं श्रीकृष्ण की यह धरती सभ्यताओं का भी पालना रही है। गणराज्यों के जरिये लोकतंत्र का प्रथम विकास का भी उत्तर प्रदेश साक्षी रहा है।
 
हिमालय से निकलने वाली गंगा, यमुना एवं घाघरा जैसी सदानीरा नदियां, दुनिया की सबसे उर्वर भूमि में शुमार इंडो गंगेटिक बेल्ट का विस्तृत मैदान, 9 तरह की वैविध्यपूर्ण कृषि जलवायु में हर तरह की होने वाली फसलें इसकी वजहें रही हैं। यही वजह है कि उप्र का कृषि योग्य रकबा देश का महज 12 फीसद है, पर खाद्यान्न उत्पादन में इसका अकेले का योगदान 20 फीसद है। गेहूं, गोभी, तरबूज, आम, अमरूद, आंवला, मेंथा, दूध, मांस एवं शाक-भाजी सहित करीब 15 खाद्यान्न, सब्जियों एवं फलों क उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में नंबर वन है।
 
बहुत पहले खेती ही जीविका का एकमात्र जरिया थी। बाद के दिनों में एक दौर ऐसा भी आया जब जमीन पर ज्यादा भार होने और कुछ बेहतरी की आश में लोगों ने दूर देश की राह पकड़ी। आज दुनिया के कई ऐसे देश हैं जिनमें अलग से एक भारत बसता है। वह भी पूरी जीवंतता के साथ। ये लोग भले परदेश या देश के महानगरों में रहते हों, पर अब भी अपनी जड़ों को भूले नहीं हैं। अपनी व अपने पुरखों की जन्मभूमि के लिए कुछ करना चाहते हैं। इसे भावनात्मक निवेश भी कह सकते हैं। 
 
उद्यमियों से योगी ने की थी ऐसी अपील : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हरदम इस तरह के निवेश पर जोर रहा है। उल्लेखनीय है कि 2 दिसंबर 2020 में मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रवासी उद्यमियों के एक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, उत्तर प्रदेश बहुत कुछ बदला है। तरक्की ने गति पकड़ ली है। इन्वेस्टर्स समिट और उसके बाद हुए दो ग्राउंड सेरमोनी के जरिए 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आना इसका सबूत है। तरक्की की ये गति वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी नहीं रुकी। इस दौरान करीब 45 हजार करोड़ रुपए का विदेशी निवेश आया। यह प्रदेश की सरकार, उसकी नीतियों और कानून व्यवस्था पर लोगों के भरोसे का प्रमाण है।
 
उन्होंने यह भी कहा था, आप तो अपने हैं। बदले माहौल में उत्तर प्रदेश में आपका स्वागत है। आइए। अपनी कर्मठता और अनुभव का लाभ अपने प्रदेश और अपने लोगों को भी दीजिए। अब समय आ गया है, एक बार जरूर अपनी माटी से अपने रिश्ते को मजबूत करें। इसके पहले फरवरी 2018 में  प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपने संबोधन में भावनात्मक निवेश के साथ निवेश के लिहाज से उत्तर प्रदेश की संभावनाओं का जिक्र किया था। निवर्तमान राष्ट्रपति ने कहा था, उत्तर प्रदेश के विकास से ही देश को आर्थिक मजबूती मिलेगी।
 
यूपी में बहुत कुछ बदल चुका है : 18 से 23 जनवरी के दौरान लंदन, न्यूयॉर्क और सैनफ्रांसिस्को में आयोजित रोड शो में शामिल हो सकते हैं सीएम दूसरे इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन के बाद अब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआइएस) की तैयारियां जोरों से चल रही हैं।
 
दुनियाभर के हर क्षेत्र के दिग्गज उद्यमियों को यूपी में निवेश का न्योता देने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा कई अन्य वरिष्ठ मंत्री एवं अफसर विदेश के दौरे पर जाएंगे। मुख्यमंत्री खुद 18 से 23 जनवरी के दौरान लंदन, न्यूयॉर्क और सैनफ्रांसिस्को जा सकते हैं।

बाकी जिन देशों के प्रमुख शहरों में मंत्रियों एवं अधकारियों की टीम दिसंबर में दौरा करेगी उनमें टोकियो, फ्रैंकफर्ट, ब्रुसेल्स, स्टॉकहोम, मेक्सिको सिटी, ब्यूनसआयर्स, साओपालो, सिडनी, सिंगापुर, लंदन, न्यूयार्क, सैनफ्रांसिस्को और दावोस आदि शामिल हैं। अब तक के कार्यक्रम के मुताबिक अधिकांश दौरे दिसंबर में ही हो जाएंगे। इसके अलावा देश में भी पहले इन्वेस्टर्स समिट की तरह दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद में रोड शो के कार्यक्रम हैं।
 
जिन देशों और महानगरों में प्रदेश सरकार की ओर से रोड शो होने हैं, उनमें भी भारतीय एवं उत्तर प्रदेश मूल के बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपनी मेहनत, लगन के बूते वहां के रसूखदार लोगों में शामिल हैं। स्वाभाविक है ऐसे अपने लोगों से अपेक्षा भी अधिक रहेगी। 40 से अधिक देशों से किया जा चुका है संपर्क, करीब दो दर्जन देश दे चुके हैं सहभागिता की सहमति
 
जहां तक ग्लोवल इनवेस्टर्स समिट-2023 की तैयारियो की बात है तो प्रदेश सरकार ने अब तक जिन 40 देशों को समिट में आने के लिए आमंत्रित किया है उनमें से 21 की सहमति मिल चुकी है। सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम, मॉरिशस डेनमार्क, नीदरलैंड जैसे देश पार्टनर की भूमिका में होंगे।
 
दिल्ली में आयोजित कर्टेन रेजर में मुख्यमंत्री बता चुके हैं प्रदेश की संभावनाएं : पिछले दिनों दिल्ली के सुषमा स्वराज प्रवासी भवन में कई देशों के राजदूतों/उच्चायुक्तों एवं निवेशकों की मौजूदगी में समिट के कर्टेन रेजर सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि आप क्यों उत्तर प्रदेश में निवेश करें। वजह, देश का सबसे लंबा नेटवर्क (लगभग 16 हजार किलोमीटर) उत्तर प्रदेश में है। यहां लखनऊ, वाराणसी एवं कुशीनगर तीन अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं। अयोध्या एवं जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे निर्माणाधीन हैं। इनके बन जाने के बाद यह पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला पहला प्रदेश हो जाएगा।
 
वाराणसी से लेकर हल्दिया तक देश का पहला जलमार्ग भी उत्तर प्रदेश में ही है। ईस्टर्न एवं वेस्टर्न कॉरिडोर का क्रमशः 57 एवं 8.5 हिस्सा यूपी में ही है। दोनों का जंक्शन दादरी में है। बंदरगाहों तक शीघ्र माल पहुचाने के लिए प्रदेश सरकार ड्राई पोर्ट्स का विकास कर रही है। इस क्रम में दादरी में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब, बोड़ाकी में मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब, वाराणसी में 100 एकड़ में फ्रेट विलेज की स्थापना हो रही है। यमुना, लखनऊ-आगरा, पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के अलावा गोरखपुर लिंक,एवं गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है। कई पाइपलाइन में हैं।
 
इन सबके बनने के बाद उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे के नेटवर्क के मामले में भी देश में नंबर एक हो जाएगा। यह संभावनाएं उत्तर प्रदेश को निवेश के लिहाज से सबसे पसंदीदा जगह बनाती हैं। तरक्की की पसंदीदा जगह जब अपनी जड़ों से जुड़ाव वाली हो तो कौन नहीं लौटना चाहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भावनात्मक निवेश की पहल प्रवासियों के दिलों तक पहुंच रही है। समिट के पहले ही 10 लाख करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष करीब 1.25 लाख करोड़ रुपए का निवेश आ चुका है। इस रुझान और उत्साह के मद्देनजर कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री का विजन, इमोशन को जोड़कर यूपी को नम्बर वन इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बनाने में निश्चित ही कामयाबी के झंडे गाड़ेगा।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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