देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए हुए नामांकन पत्रों की जांच के बाद कुल 22 आवेदकों के नामांकन निरस्त किए गए हैं। ये चुनाव की दौड़ से बाहर हो गए हैं। इनमें गढ़वाल मंडल के 13 और कुमाऊं मंडल के 9 नामांकन शामिल हैं। अब 31 जनवरी को नाम वापसी के बाद सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
शनिवार को प्रदेश की सभी 70 सीटों पर दाखिल नामांकन पत्रों की जांच की गई। अब मुकाबले में कुल 728 उम्मीदवार बचते हैं। इनमें देहरादून की 10 विधानसभाओं में से केवल कैंट विधानसभा सीट पर तीन आवेदकों के नामांकन निरस्त किए गए। पौड़ी गढ़वाल जिले में यमकेश्वर, श्रीनगर, कोटद्वार, चौबट्टाखाल व पौड़ी विधानसभा सीट पर एक-एक नामांकन निरस्त किया गया।
वहीं, टिहरी जिले में देवप्रयाग से एक नामांकन निरस्त हुआ। उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले में कोई नामांकन निरस्त नहीं हुआ। हरिद्वार जिले में 4 नामांकन पत्र निरस्त किए गए। इसमें रानीपुर से एक और लक्सर सीट पर 3 नामांकन निरस्त किए गए। वहीं, कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट सीट से एक और चंपावत जिले की लोहाघाट सीट पर एक नामांकन रद्द किया गया।
बागेश्वर जिले में 3 नामांकन निरस्त हुए। इनमें बागेश्वर सीट से एक और कपकोट विधानसभा सीट से दो नामांकन निरस्त हुए। अल्मोड़ा जिले में सल्ट सीट से एक नामांकन रद हुआ। उधम सिंह नगर जिले में तीन नामांकन निरस्त हुए। यहां रुद्रपुर, जसपुर और गदरपुर विधानसभा सीट पर एक नामांकन निरस्त हुआ। नैनीताल जिले में कोई नामांकन पत्र निरस्त नहीं हुआ।
इस कारण नामांकन में यमकेश्वर, नरेंद्र नगर और बाजपुर विधानसभा में सबसे कम छह- छह दावेदार सामने आए। सोमवार को नाम वापसी के बाद इसमें और कमी आनी तय है।
निर्वाचन प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को नामांकन के अंतिम दिन तक प्रदेश भर में कुल 750 नामांकन दाखिल हुए थे। शनिवार को तय कार्यक्रम के मुताबिक नामांकन पत्रों की जांच हुई।
इस दौरान विभिन्न कमियों की वजह से प्रदेश भर से 22 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज हो गए हैं। हालांकि इसमें कोई प्रमुख दल या निर्दलीय उम्मीदवार शामिल नहीं है। इस तरह अब मुकाबले में 728 दावेदार बचते हैं।
2017 के चुनाव में कुल 637 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, इस बार इस उम्मीदवारों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। जांच के बाद शेष दावेदार...