ज्ञान की देवी मां सरस्वती का पर्व है वसंत पंचमी

वसंत पंचमी वसंत के आगमन का सूचक होती है। यह पर्व माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता है। इस बार यह पर्व बुधवार, 1 फरवरी 2017 को मनाया जाएगा। 


 
पूजन मुहूर्त :  इस दिन पूजन सुबह 7.10 से 8.28 अमृत चौघडिया में व फिर 9.51 से 11.09 तक शुभ के चौघडिया में करें। 

कैसे करें मां सरस्वती का पूजन, पढ़ें सरलतम विधि
 
वसंत पंचमी के दिन भगवान श्रीहरि, भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधाजी एवं शिक्षा की देवी माता सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन पीले फूल, गुलाल, धूप, दीप आदि से पूजा की जाती है। पूजा में केसरिया भात व केसरिया हलवे का श्रद्धापूर्वक भोग लगाकर स्वयं भी प्रसादस्वरूप सेवन करने की परंपरा है।
 
वसंत पंचमी पर्व का ज्ञान की देवी मां सरस्वती से संबंधित है। मां सरस्वती बुद्धि, ज्ञान व संगीत की देवी हैं। इस दिन को माता सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। यह पर्व ऋतुओं के राजा वसंत का पर्व है। यह दिन बसंत ऋतु से शुरू होकर फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी तक रहता है। यह पर्व कला व शिक्षाप्रेमियों के लिए विशेष महत्व रखता है। 
 
सरस्वती को वाणी की देवी क्यों कहते हैं?
 
वसंत ऋतु में चहुंओर प्रकृति अपनी खूबसूरती उड़ेलकर खुशबूनुमा वातावरण देती है। प्रकृति अपनी छटा में संगीत भर देती है और मन को प्रफुल्लित कर देती है इसीलिए यह पर्व और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

वाणी की सरसता का नाम ही सरस्वती हैं
 
एक किंवदंती के अनुसार इस दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी। यह त्योहार उत्तर भारत में पूर्ण हर्षोल्लास से मनाया जाता है। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान श्रीराम ने माता शबरी के जूठे बेर खाए थे, इस उपलक्ष्य में वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।

 

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