वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा के मकान को कुछ परिस्थिति को छोड़कर अशुभ और नकारात्मक प्रभाव वाला माना जाता है। दरअसल, हर दिशा में कोई न कोई ग्रह स्थित है जो कि अपना अच्छा या बुरा प्रभाव डालता है। यह निर्भर करता है मकान के वास्तु, मुहल्ले के वास्तु और उसके आसपास स्थित वातावरण और वृक्षों की स्थिति पर। प्रत्येक ग्रह का अपना एक वृक्ष होता है। जैसे चंद्र की शनि से नहीं बनती और यदि आपने घर के सामने चंद्र एवं शनि से संबंधित वृक्ष या पौधे लगा दिए हैं तो यह कुंडली में चंद्र और शनि की युति के समान होते हैं जो कि विषयोग कहा गया है। आओ जानते हैं कि कैसे दक्षिणमुखी मकान में नहीं होता दक्षिण दोष?
कैसे दक्षिणमुखी मकान में नहीं होता दक्षिण दोष?
1. यदि दक्षिणमुखी मकान के सामने द्वार से दोगुनी दूरी पर स्थित नीम का हराभरा वृक्ष है तो दक्षिण दिशा का असर कुछ हद तक समाप्त हो जाएगा।