आपका मकान पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर या ईशान दिशा में है। किसी भी दिशा में हो लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिशाएं हमारी दशा बदल देती है। आओ जानते हैं कि कौन सी दिशा सबसे अच्छी होती है और क्यों।
1. जिधर से सूर्य निकलाता है उसे पूर्व दिशा कहते हैं। पूर्वमुखी मकान तो कई लोगों के रहते हैं लेकिन क्या सभी सुखी हैं? पूर्वदिशा के मकान का फायदा यह कि हमें सूर्य की ताजी किरणें मिलते हैं। 12 बजे के बाद धूप आग्नेय कोण से होते हुए दक्षिण में चली जाती है। 11 बजे के पहले की धूप में विटामिड डी सही स्थिति में रहता है।
2. यह समझना जरूरी है कि उत्तर दिशा सकारात्मक ऊर्जा और ठंडी हवा का स्रोत है जबकि दक्षिण दिशा नकारात्मक ऊर्जा और गर्म हवाओं का स्रोत है। अब आप ही तय करें कि आपके घर का द्वार-खिड़की किस दिशा में होना चाहिए।
3. मकान के वायव्य, उत्तर, ईशान और पूर्व का भाग ही सकारात्मक ऊर्जा देने वाला होता है जबकि आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य और पश्चिम भाग नकारात्मक ऊर्जा देने वाला होता है। कई लोग पश्चिम दिशा को भी सही मानते हैं।
4. सकारात्मक ऊर्जा की दिशाओं में खिड़की दरवाजें हैं और मुख्य द्वार भी है तो लोगों का दिमाग भी शांत और प्रसन्नचित्त रहेगा और यदि इसके विपरित है तो आप किसी न किसी परेशानी से घिरे रहेंगे। हो सकता है कि आपके दिमाग में इसके चलते अनावश्यक बेचैनी रहती हो।
5. कारण सिर्फ इतना है कि आग्नेय, दक्षिण या नैऋत्य दिशा वाले घर की दक्षिण दिशा का भाग दिनभर तपता रहता है और निरंतर अल्ट्रावॉयलेट किरणों का घर में प्रवेश होता रहता है जिसके चलते घर का ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। इसी कारण घर के सभी सदस्यों के व्यवहार में चिढ़चिढ़ापन आ जाता है। चूंकि महिलाएं घर में अधिक रहती हैं, तो उनके किसी गंभीर बीमारी के चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है या हो सकता है कि गृहकलह के चलते कोई होनी-अनहोनी हो जाए।