देशभर में कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण का महाअभियान शुरू हो चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, दो दिनों में कुल 2,24,301 लाभार्थियों को कोविड-19 का टीका लगाया गया। इस बीच सोशल मीडिया पर एक न्यूज कटिंग वायरल हो गई। दावा किया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन लगाए जाने के बाद 40 छात्रों की हालत गंभीर हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।
क्या है सच-
केन्द्र सरकार की पॉलिसी/स्कीम्स/विभाग/मंत्रालयों को लेकर गलत सूचना को फैलने से रोकने के लिए काम करने वाले PIB फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने ट्वीट कर इस फेक खबर के बारे में लोगों को जागरुक किया है।
पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने अपने ट्वीट में लिखा, "एक समाचार लेख का जिक्र करते हुए एक ट्वीट में दावा किया गया है कि COVID-19 वैक्सीन लगने के बाद 40 छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह दावा फेक है। प्रदर्शित समाचार लेख पुराना है और इसका भारत में चल रहे COVID-19 टीकाकरण अभियान से कोई संबंध नहीं है।"
वायरल न्यूज कटिंग से भी स्पष्ट है कि कानपुर में खसरा रूबेला वैक्सीन के टीकाकरण के दौरान तीन स्कूलों के 40 से अधिक बच्चों में चकत्ते, बुखार, सिरदर्द और पेट दर्द जैसे मामूली साइडइफेक्ट्स पाए गए थे। इसके बाद बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। हालांकि आधे से ज्यादा बच्चे दो घंटे के अंदर ही फिट हो गए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। बाकी बच्चों को भी ज्यादा परेशानी नहीं हुई थी।