कोरोना महामारी के खिलाफ भारत समेत पूरी दुनिया में टीकाकरण अभियान जारी है। इस बीच व्हाट्सएप पर कोरोना वैक्सीन को लेकर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है। इस मैसेज में दावा किया गया है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद एनेस्थीसिया लेने से मौत हो सकती है। आइए जानते हैं इस दावे में कितनी सच्चाई है..
क्या हो रहा है वायरल?
वायरल मैसेज में कहा जा रहा है कि “जिस भी व्यक्ति ने कोरोना वैक्सीन लगवाया है, उसे किसी भी प्रकार की एनेस्थेटिक, यहाँ तक कि लोकल एनेस्थीसिया या डेंटिस्ट एनेस्थेटिक भी नहीं लेना है। क्योंकि यह वैक्सीन ले चुके व्यक्ति के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे मौत होने की भी संभावना है। इसलिए टीका लगवाने वाले व्यक्ति को 4 हफ्तों तक का इंतजार करना चाहिए। अगर, उस व्यक्ति को किसी प्रकार का कोई रिएक्शन होता है तो उसे 4 हफ्तों के लिए रूकना पड़ेगा, क्योंकि एंटीबॉडी विकसित होने में 4 हफ्ते लगते हैं। मेरे एक फार्मेसी दोस्त के रिश्तेदार ने दो दिन पहले वैक्सीन लगवाई थी। वैक्सीन लगवाने के अगले दिन वह डेंटिस्ट के पास गया और एनेस्थेटिक लेने के तुरंत बाद उसकी मौत हो गई। वैक्सीन के बॉक्स पर टीकाकरण के बारे में चेतावनी पढ़ने के बाद, हमने पाया कि वैक्सीन दिए जाने के बाद एनेस्थेटिक नहीं लेना चाहिए।”
क्या है सच्चाई-
पड़ताल शुरू करते हुए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया, लेकिन हमें वायरल दावे से संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं मिली।
हालांकि, हमें MALAYSIAN SOCIETY OF ANAESTHESIOLOGISTS AND COLLEGE OF ANAESTHESIOLOGISTS द्वारा 13 जून 2021 को जारी की गई एक प्रेस रिलीज मिली, जिसमें इस दावे को भ्रामक बताया गया है। इसके मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति ने हाल ही में वैक्सीन लगवाई है तो डॉक्टरों को गैर-जरूरी सर्जरी को टालना चाहिए। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वैक्सीन के बाद एनेस्थीसिया नहीं लगा सकते। ऐसा इसलिए करना चाहिए जिससे उस व्यक्ति को टीके की दोनों डोज का पूरा लाभ मिल सके।
भारत सरकार की संस्था प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने भी इस वायरल दावे का खंडन किया है। PIB ने अपने ट्वीट में लिखा कि यह दावा फेक है। इस दावे से संबंधित अभी तक कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण सामने नहीं आया है।