Fact Check: क्या कांग्रेस को चिढ़ाने के लिए उसके मुख्यालय के सामने लगी Rafale की रेप्लिका, जानिए पूरा सच...

बुधवार, 29 जुलाई 2020 (11:55 IST)
राफेल फाइटर विमानों का पहला बैच बुधवार को भारत पहुंच जाएगा। इस बीच सोशल मीडिया पर राफेल की रेप्लिका की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि राफेल विमानों के आने के पहले कांग्रेस को चिढ़ाने के ‍लिए उसके मुख्यालय के सामने वायुसेना प्रमुख के दफ्तर के बाहर उसकी रेप्लिका लगाई गई है।

क्या है वायरल-

राफेल की रेप्लिका की तस्वीर शेयर करते हुए ट्वियर यूजर्स लिख रहे हैं- ‘इसे ही कहते हैं जले पर नमक छिड़कना, कांग्रेस मुख्यालय के ठीक सामने भारतीय वायु सेना प्रमुख का सरकारी निवास है! वायुसेना अध्यक्ष ने अपने निवास के बाहर राफेल का मॉडल लगा दिया,पहले सुखोई एमकेआई लगा हुआ था।’

इसे ही कहते हैं जले पर नमक छिड़कना, कांग्रेस मुख्यालय के ठीक सामने भारतीय वायु सेना प्रमुख का सरकारी निवास है!वायुसेना अध्यक्ष ने अपने निवास के बाहर राफेल का मॉडल लगा दिया,पहले सुखोई एमकेआई लगा हुआ था.. pic.twitter.com/ClA65UF6ZI

— Nita AMBANI™ (@0NitaAmbani) July 28, 2020


क्या है सच-

वेबुदनिया ने अपनी पड़ताल में पाया कि कांग्रेस मुख्यालय के सामने राफेल की रेप्लिका लगाए जाने वाली बात सही है। लेकिन, इसे हाल ही में नहीं बल्कि पिछले साल लगाया गया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह रेप्लिका पिछले साल तत्कालानी वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ के आवास के बाहर लगाई गई थी। बता दें, वायुसेना प्रमुख का आवास कांग्रेस मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित है। समाचार एजेंसी ANI ने उस वक्त इसकी तस्वीर जारी की थी।

Replica of Rafale jet erected outside Air Chief Marshal BS Dhanoa’s residence in Delhi. His residence is next to Congress Headquarters. pic.twitter.com/Icoo63G2At

— ANI (@ANI) May 31, 2019


बताते चलें, भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉ एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था। कांग्रेस इस डील में भ्रष्टाचार से जुड़े कई आरोप लगाते आई है। कांग्रेस का दावा था कि यूपीए सरकार के दौरान एक राफेल फाइटर जेट की कीमत 600 करोड़ रुपए तय की गई थी, लेकिन मोदी सरकार के दौरान एक राफेल करीब 1600 करोड़ रुपए का पड़ेगा।

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