GABBAR IS BACK! जी हां, बॉलीवुड के ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ का विलेन ‘गब्बर सिंह’ वापस आ गया है! रमेश सिप्पी की फिल्म में इस किरदार को अमजद खान ने इस तरह निभाया कि वह किरदार आज 43 साल बाद भी सबके जहन में है। उनके डायलॉग- ‘यहां से पचास-पचास कोस दूर जब बच्चा रात को रोता है तो मां कहती है सो जा बेटे नहीं तो गब्बर आ जाएगा’, ‘कितने आदमी थे’ आज भी कानों में गूंजते हैं। वैसे तो अमजद खान 26 साल पहले ही इस दुनिया को छोड़कर चले गए हैं, लेकिन सोशल मीडिया ने गब्बर सिंह के हमशक्ल को ढूंढ़ निकाला है। शोले के गब्बर सिंह की तरह दिखने वाले एक शख्स की तस्वीरें इन दिनों तेजी से वायरल हो रही हैं।
सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं। इसमें एक शख्स अपनी पत्नी के साथ बाजार में खरीदारी करता नजर आ रहा है। उस शख्स ने गब्बर सिंह की ही तरह कपड़े पहने हुए हैं और उसी की तरह दाढ़ी बढ़ा रखी है। वह शख्स हू-ब-हू गब्बर की तरह ही दिख रहा है।
क्या आपको पता है अमजद खान ‘गब्बर सिंह’ के लिए पहली पसंद नहीं थे..
शोले की कास्टिंग करते समय डायरेक्टर रमेश सिप्पी के दिमाग में अमजद का नाम मीलों दूर तक नहीं था। गौरतलब है कि शोले की पटकथा पढ़ने के बाद संजीव कुमार ने भी गब्बर सिंह का रोल करने की इच्छा प्रकट की थी, लेकिन सिप्पी की पहली पसंद डैनी थे, जो उस दौर में तेजी से उभरकर पहली पायदान के खलनायक बन गए थे। डैनी उन दिनों फिरोज खान की फिल्म 'धर्मात्मा' की शूटिंग में व्यस्त थे।
डेट्स की समस्या के साथ फिरोज के प्रति कमिटमेंट था। ऐसे समय में शोले के पटकथा लेखक सलीम-जावेद ने अमजद के नाम की सिफारिश रमेश सिप्पी से की थी। रमेश सिप्पी ने एक नाटक में उन्हें बेबाकी से अभिनय करते देखा, तो शोले के लिए साइन कर लिया। डैनी के स्थान पर अमजद गब्बर के रोल में क्या आए, गब्बर सिंह का चरित्र हमेशा के लिए अमर हो गया।