सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है कि जगन्नाथ पुरी मंदिर के शालिग्राम को कोरोना महामारी के दौरान बाहर निकाला गया है। साथ ही दावा किया जा रहा है कि इस शालिग्राम को पृथ्वी पर महामारी के दौरान ही बाहर निकाला जाता है। पिछली बार इसे वर्ष 1920 में स्पेनिश फ्लू के समय निकाला गया था।
क्या है वायरल-
एक शालीग्राम की फोटो को शेयर करते हुए लिखा गया है कि “पुरी मंदिर से संबंधित इस शालीग्राम को आखिरी बार 1920 में स्पेनिश फ्लू के दौरान महामारी के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए निकाला गया था। कोरोनावायरस के मद्देनजर अब इसे फिर से निकाल लिया गया है।”
क्या है सच-
गूगल पर अलग-अलग कीवर्ड की मदद से सर्च करने पर हमें द न्यू इंडियन एक्सप्रेस वेबसाइट की 30 मार्च 2020 की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट की हेडिंग है- “पुरी मंदिर के भगवान बीमारी को दूर करने के लिए बाहर आए”। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भगवान नृसिंह को जगन्नाथ मंदिर से बाहर निकाला गया था। इस रिपोर्ट में कहीं भी शालिग्राम का उल्लेख नहीं था।
आगे की पड़ताल के दौरान, हमें कनक न्यूज चैनल की 28 मार्च 2020 की एक वीडियो रिपोर्ट मिली। इसमें भी जगन्नाथ मंदिर के पुजारी बता रहे हैं कि भगवान नृसिंह को कोरोना महामारी के मद्देनजर मंदिर के बाहर निकाला गया था। पुजारी ने बताया कि धार्मिक मान्यता है कि भगवान नृसिंह हर तरह की बीमारियों से लोगों की रक्षा करते हैं।
वायरल हो रहे पोस्ट में यह दावा भी किया गया है कि 1920 में स्पेनिश फ्लू हुआ था, लेकिन यह दावा भी गलत है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, स्पेनिश फ्लू 1918 में आया था।
वेबदुनिया की पड़ताल में सामने आया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा गलत है। असल में मार्च 2020 में कोरोना महामारी के मद्देनजरजगन्नाथ पुरी मंदिर से भगवान नृसिंह को बाहर निकाला गया था, न कि शालिग्राम को।