Fact Check: क्या उद्धव सरकार ने शुरू की दरगाह पर मुंबई पुलिस की सलामी की परंपरा? जानिए सच

गुरुवार, 14 जनवरी 2021 (13:06 IST)
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें मुंबई पुलिस माहिम स्थित सूफी संत मखदूम शाह माहिमी की दरगाह में सलामी देते नजर आ रही है। दावा किया जा रहा है कि ये परंपरा महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने शुरू की है।

क्या है वायरल-

मुंबई पुलिस का यह वीडियो ट्विटर और फेसबुक पर जमकर शेयर किया जा रहा है। वीडियो शेयर करते हुए लिखा जा रहा है- “मुंबई पोलीस द्वारा पहली बार पीर हजरत मकदूम शाह को सलामी शिवसेना अब अपने अंतिम पड़ाव पे है..”

मुंबई पोलीस द्वारा पहली बार पीर हजरत
मकदूम शाह को सलामी
शिवसेना अब अपने अंतिम पड़ाव पे है.. pic.twitter.com/gvFXTJKVxQ

— सौरभ श्रीवास्तव (हिन्दू) (हिंदी) (हिन्दुस्थान)#३ ह (@Sourabh23714700) January 13, 2021




क्या है सच-

पड़ताल शुरू करते हुए हमने इंटरनेट पर अलग-अलग कीवर्ड से सर्च किया। सर्च रिजल्ट में हमें एक यूट्यूब वीडियो मिला। वीडियो 12 दिसंबर 2019 को अपलोड किया गया है। वीडियो के कैप्शन के मुताबिक, माहिम स्थित बाबा मखदूम शाह की दरगाह पर सालाना एक मेला लगता है और वहां पारंपरिक रूप से पहली चादर मुंबई पुलिस की ओर से पेश की जाती है।



आगे की पड़ताल में हमें स्क्रॉल, सबरंग और इंडियन एक्सप्रेस की कुछ रिपोर्ट्स भी मिलीं। जिनसे पता चलता है कि मखदूम अली महिमी को मुंबई पुलिस का संरक्षक संत माना जाता है और पुलिस उनकी दरगाह पर 1917 से ही सलामी देती आ रही है।

वेबदुनिया ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। पुलिस द्वारा दरगाह पर सलामी देने की परंपरा 100 साल से ज्यादा पुरानी है।

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