क्या कोरोना से बचाव के लिए लोगों पर सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया जा सकता है...जानिए सच...
सोमवार, 20 अप्रैल 2020 (13:10 IST)
सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस के इलाज को लेकर तरह-तरह की अफवाहें उड़ती रहती हैं। ऐसा ही एक दावा इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल है। दावा है कि कोरोना के रोकथाम हेतु सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव लोगों पर किया जा सकता है।
दरअसल, कई जगह कोरोना संक्रमण के रोकथाम हेतु लोगों पर सोडियम हाइपोक्लोराइट रसायन का छिड़काव किया जा रहा है।
क्या है सच-
वायरल दावा सच नहीं है। आपको बता दें कि व्यक्तियों पर सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव हानिकारक है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इसे लेकर एक एडवायजरी जारी की गई है।
इस एडवायजरी में साफ कहा गया है कि मानव शरीर पर सोडियम हाइपोक्लोराइट जैसे कीटाणुनाशक स्प्रे का उपयोग करना हानिकारक है क्योंकि इनमें घातक रसायन होते हैं।
मिथक: सोडियम हाइपोकोराइट जैसे कीटाणुनाशकों का प्रयोग लोगों पर छिड़काव के लिए किया जा सकता है
तथ्य: इसका प्रयोग हमेशा अत्यधिक छुए जाने वाले सतहों की सफाई के लिए किया जा सकता है। व्यक्तियों पर इसका छिड़काव हानिकारक है। pic.twitter.com/kn5SPnA5n8
किसी भी परिस्थिति में व्यक्तियों या समूहों पर छिड़काव नहीं करना है। यह छिड़काव शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से काफी हानिकारक साबित हो सकता है।
भले ही कोई व्यक्ति COVID-19 वायरस से संक्रमित क्यों न हो, शरीर के बाहरी हिस्से को स्प्रे करने से आपके शरीर में प्रवेश कर चुके वायरस को नहीं मारा जा सकता है।
मंत्रालय के मुताबिक, इसकी कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है कि शरीर के बाहरी हिस्सों में छीड़काव से कोरोना के किटाणु को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
व्यक्तियों पर क्लोरीन के छिड़काव से आंखों और त्वचा में जलन हो सकती है, जिससे उन्हें मतली और उल्टी हो सकती है।
सोडियम हाइपोक्लोराइट से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, गलती से यह रसायन नाक, गले या श्वसन नली में चला जाए तो जलन और ब्रोंकोस्पाज्म भी हो सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अगर कोरोना वायरस को नष्ट करना है तो बार-बार हाथ धोएं और सामाजिक दूरी का पालन करें।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है कि कोरोना से बचाव के लिए लोगों पर सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करना हानिकारक है।