क्या है वायरल-
फेसबुक पर कई यूजर्स ये मैसेज शेयर कर रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि व्हाट्सएप में तीन ब्लू टिक इस बात का संकेत है कि सरकार ने उस मैसेज को देखा है, दो ब्लू और एक रेड टिक का मतलब है कि सरकार ऐक्शन ले सकती है, एक ब्लू और दो रेड टिक का मतलब है कि सरकार ने उस मैसेज को भेजने वाले पर पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है और तीन रेड टिक का मतलब है कि सरकार ने मैसेज भेजने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है और कोर्ट उस व्यक्ति को समन भेजेगा।
क्या है सच-
वायरल मैसेज फेक है। फिलहाल व्हाट्सएप के लिए ऐसा कोई नया नियम नहीं आ रहा है। आपको बता दें कि व्हाट्सएप का हर मैसेज और कॉल एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टिड रहता है। हालांकि, हाल में पेगासस स्पाइवेयर के चलते यूजर्स की प्रिवेसी और सुरक्षा को लेकर व्हाट्सएप की काफी किरकिरी हुई है। इसने व्हाट्सएप द्वारा दी जाने वाली एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन पर सवाल खड़े कर दिए।
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले और अब उसके बाद भी पुलिस की सोशल मीडिया पर पैनी नजर है। देश में शांति का माहौल बनाए रखने के लिए कई एजेंसियों को सोशल मीडिया पर जिम्मा सौंपा गया है। खबर है कि अब तक 8000 से अधिक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्टों पर एक्शन लिया जा चुका है और करीब 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि भारत सरकार काफी समय से व्हाट्सएप से उसके प्लेटफॉर्म पर शेयर किए जाने वाले मैसेजेस को ट्रैक करने की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग करती आई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसी साल जून में सरकार ने व्हाट्सएप से भेजे गए सभी मैसेजेज के ऑरिजिन को ट्रेस करने के लिए डिजिटल फिंगरप्रिंटिंग करने को कहा था, ताकि अशांति फैलाने वाले, आतंकवाद या यौन शोषण समेत कई तरह के अपराध को रोकने में मदद मिल सके।
हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि सरकार किसी यूजर के मैसेज को पढ़ना नहीं चाहती है, बल्कि चाहती है कि जब कोई आपत्तिजनक मैसेज देखा जाए तो उसे व्हाट्सएप के साथ मिल कर ट्रेस किया जा सके। वहीं, लोकप्रिय मैसेजिंग एप हमेशा कहता आया है कि कंपनी के लिए किसी मैसेज के ओरिजिन को ट्रेस या ट्रैक करना असंभव है। बता दें कि भारत में 40 करोड़ एक्टिव व्हाट्सएप यूजर हैं।