भावनाओं को समझते हुए एक वेबसीरिय, जिसे 'वो दिन' कहा गया है, शुरू हुई है। इसमें नब्बे के दशक के बच्चे
का दिन कैसा बीतता था दिखाया गया है। पहला ही एपीसोड जिंदगी के साधारण होने का गवाह है। ऐसे दिन जब बडे लडकों के साथ खेलने का सपना छोटे बच्चों के आंखों में पलता था। जब सुपर मारियो गेम का मालिक बच्चा पहली बैटिंग पाता था। आइए याद करें वो दिन।