यशवंत सिन्हा का बड़ा खुलासा, ममता ने कहा था- मुझे आतंकियों को सौंप दो और लोगों को छुड़ा लो...

Webdunia
शनिवार, 13 मार्च 2021 (15:47 IST)
नई दिल्ली। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद कंधार विमान अपहरण कांड को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि उस समय वाजपेयी मंत्रिमंडल में शामिल ममता बनर्जी ने खुद को आतंकवादियों के हवाले करने की बात कही थी। 
 
आपको बता दें कि सिन्हा और पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में मंत्री थे। सिन्हा ने कहा कि जब इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण कर कंधार ले जाया गया था, उस समय कैबिनेट की बैठक में ममता बनर्जी ने कहा था कि यात्रियों के बदले वे बंधक बनने को तैयार हैं। वे आतंकियों के कब्जे में चली जाएंगी। आतंकवादी बंधकों को छोड़ दें, जो कुर्बानी देनी पड़ेगी, वह देश के लिए देंगी।सिन्हा ने कहा कि ममता बनर्जी शुरू से फाइटर रही है।
 
वर्तमान सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती संस्थाओ में निहित है और सभी संस्थाओं को व्यवस्थागत तरीके से कमजोर किया जा रहा है। सिन्हा (83 वर्षीय) ने भाजपा के खिलाफ लड़ाई में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन करने की शपथ ली। सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा झारखंड के हजारीबाग से भाजपा के लोकसभा सदस्य हैं।
 
क्या हुआ कंधार विमान अपहरण कांड में : 24 दिसम्बर 1999 को नेपाल की राजधानी काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या आईसी 814 नई दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। विमान के भारतीय सीमा में दाखिल होने के साथ ही अपहरणकर्ता आतंकवादी हरकत में आ जाते हैं और विमान को पाकिस्तान ले जाने की मांग करते हैं। विमान में 176 यात्री सवार थे, जिनमें से 27 को दुबई में छोड़ दिया, जबकि रूपन कात्याल नामक यात्री को बुरी तरह चाकू से मार दिया और कई अन्य को घायल कर दिया।
 
यह विमान रात 8 बजकर 7 मिनट पर लाहौर में उतरता है और वहां से दुबई के रास्ते अगले दिन सुबह के करीब साढ़े आठ बजे अफगानिस्तान में कंधार की जमीन पर लैंड करता है। उस समय कंधार में तालिबान की सत्ता थी।

दुबई में ईंधन भरे जाने के एवज में कुछ यात्रियों को आतंकवादी छोड़ देते हैं। इनमें ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। यात्रियों को छोड़ने के बदले अपरहरणकर्ताओं ने अपने 36 साथियों की रिहाई के साथ-साथ 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की फिरौती की मांग की थी। बंधक यात्रियों के परिजनों के लगातार विरोध के बीच सरकार को झुकना पड़ा था। 

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