हर दिन हो आजाद दिन...!

SubratoND
एक भी दिन आपका दिन कॉफी के बगैर शुरु नहीं होता। ऑफिस में या दोस्तों के साथ आप जंक फूड लगभग रोज ले ही लेती हैं और सेलफोन तो आपकी जान है। किसी दिन घर छूट जाए या रीचार्ज खत्म हो जाए तो आप हो जाती हैं उदास। आप अपनी आदतों से इस तरह बँधी हुई हैं कि उनके बगैर आपका काम चल ही नहीं पाता।

लेकिन इन चीजों के प्रति ऐसी गुलामी किसी काम की नहीं है। हम मुक्ति की बातें करते हैं और स्वयं अपनी आदतों से मुक्त नहीं हो पाते। यह कैसी आजादी है? सच्चे मायनों में आजादी का अर्थ समझना चाहती हैं तो कुछ चीजों से भले ही एक दिन के लिए ही सही मुक्त होने की कला सीखना होगी। एक हफ्ते में एक-एक दिन चुनकर ही आप सिर्फ उस दिन के लिए मुक्त हो जाएँ तो भी बहुत है।

सोमवार से इसकी शुरुआत करिए। रविवार के दिन के लिए आप तय करिए कि आप किसी भी चीज से आजादी नहीं चाहेंगी। मनचाहा खाएँ मनचाही जगह पर जाएँ और मनचाहा काम करें। सोमवार को आप के लिए जंक फूड निषेध दिवस होगा। इस दिन आप कोई भी जंक फूड नहीं लेंगी। भले ही कुछ भी हो जाए। इस दिन लंच में आप लेंगी भरपूर सलाद व छाछ और शाम को फल, रात का खाना होगा हल्का-फुल्का। शाम तक आप बहुत ऊर्जा महसूस करेंगी।
  एक भी दिन आपका दिन कॉफी के बगैर शुरु नहीं होता। ऑफिस में या दोस्तों के साथ आप जंक फूड लगभग रोज ले ही लेती हैं और सेलफोन तो आपकी जान है। किसी दिन घर छूट जाए या रीचार्ज खत्म हो जाए तो आप हो जाती हैं उदास।      


मंगलवार को आपका दिन होगा सेल फ्री इस दिन आप बाहर जाने पर अपना सेल घर छोड़कर जाएँगी और उससे चिपकी नहीं रहेंगी।

बुधवार को होगा चाय-कॉफी से आजादी का दिन। इस दिन चाहे जो भी हो आपको कॉफी नहीं पीनी है और न ही चाय के लिए अपने आपको खुला छोड़ना है। चाय-कॉफी मुँह बिसूरेंगी और आप अपना काम चलाएँगी नींबू-पानी से। बड़ा मजा आएगा करके तो देखिए।

गुरुवार का दिन है टीवी फ्री दिवस। इस दिन आपको तरह-तरह की किताबें पढ़ना है और अपनी किसी रुचि या शौक वाले काम को अपनाना है। चाहे वह बागबानी हो या तस्वीर बनाना। देखिए तो सही कैसा लगता है।

शुक्रवार का दिन है आपके लिए मस्ती का दिन। दोस्तों के साथ बाहर जाने पर कोई मनाही नहीं है या फिर बच्चों के साथ बाहर जाइए। लेकिन इस दिन पान-सुपारी, सिगरेट और शराब से दूर रहने का दिन है। यदि आप इनका सेवन नहीं करती हैं तो यह दिन आपके घूमने-फिरने के लिए ही है। हाँ खाना आपको घर का ही खाना है।

शनिवार का दिन है घर पर ही कुछ चटपटा बनाने का। इस दिन सादी रोटी-सब्जी से छुट्टी। डोसा, सांभर, उत्तपम, छोले और जो कुछ भी पसंद हो घर पर ही बनाइए। जी भरकर खाइए खिलाइए।

रविवार तो हम पहले ही बता चुके हैं कि क्या करना है। इस दिन आप उन सभी चीजों के जितना मर्जी गुलाम बन सकती हैं। बस तो हो जाइए तैयार अपने बदले हुए कार्यक्रम के साथ।

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