इंग्लैंड की 6 रनों से रोमांचक जीत

रविवार, 6 मार्च 2011 (19:45 IST)
चेन्नई। स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन की सही समय पर फॉर्म में वापसी से इंग्लैंड ने यहाँ कम स्कोर वाले मैच में दक्षिण अफ्रीका पर छह रन की करीबी जीत से विश्व कप क्वार्टर फाइनल में पहुँचने की उम्मीदें बरकरार रखी।

जोनाथन ट्राट (52) और रवि बोपारा (60) के अर्धशतकों के बावजूद इंग्लैंड की टीम दक्षिण अफ्रीकी स्पिनरों के जाल में फंसकर 45.4 ओवर में 171 रन पर ढेर हो गई तो लगने लग गया था कि वह अब अगर मगर के भँवर में फँस जाएगा।

लेकिन एमए चिदंबरम स्टेडियम की पिच गेंदबाजों के लिएही स्वर्ग साबित हुई। दक्षिण अफ्रीका ने हाशिम अमला (42) की सधी हुई पारी से अच्छी शुरुआत की और एक समय वह एकतरफा जीत की तरफ बढ़ रहा था। ब्रॉड ने ऐसे समय में 15 रन देकर चार तथा एंडरसन ने 16 रन के एवज में दो विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका का 165 रन पर पुलिंदा बाँध दिया।

आयरलैंड से अप्रत्याशित हार झेलने वाले इंग्लैंड के लिएक्वार्टर फाइनल की दौड़ में बने रहने के लिएयह मैच जीतना बेहद जरूरी था। उसके अब चार मैच में पांच अंक हो गए हैं और वह ग्रुप बी में शीर्ष पर पहुँच गया है। दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका का विजय अभियान थम गया और उसके तीन मैच में चार अंक ही रह गए हैं।

बहरहाल भारतीय सरजमीं पर पहली बार किसी मैच में पूरी तरह से गेंदबाजों का दबदबा देखने को मिला। दक्षिण अफ्रीका की तरफ से रोबिन पीटरसन (22 रन देकर तीन) और इमरान ताहिर (38 रन देकर चार विकेट) ने स्पिन गेंदबाजी का जादू बिखेरा तो इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने छोटे स्कोर का बखूबी बचाव किया।

ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने इंग्लैंड को पहली सफलता दिलाई। उनकी फ्लाइट लेती गेंद स्मिथ के बल्ले का हल्का किनारा लेकर विकेटकीपर मैट प्रायर के दस्तानों में गई, जिसके लिए मैदानी अंपायरों को तीसरे अंपायर की मदद लेनी पड़ी। इसके बाद ब्रॉड ने अमला को बोल्ड किया और फिर अगले ओवर में कैलिस को विकेट के पीछे कैच कराया।

पिछले दो मैच में शतक जड़ने वाले एबी डी'विलियर्स अभी क्रीज पर मौजूद थे और वह फाफ डु प्लेसिस (17) के साथ मिलकर स्कोर 124 रन तक ले गए लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने इसी स्कोर पर तीन विकेट गँवा दिए। एंड्रयू स्ट्रास ने एंडरसन को दूसरे स्पैल के लिए बुलाया और उन्होंने डी'विलियर्स की गिल्लियाँ बिखेर दी, जिन्होंने 44 गेंद पर 25 रन बनाए लेकिन एक बार भी गेंद सीमा रेखा पार नहीं भेज पाए।

अगले ओवर में डु प्लेसिस रन आउट हो गए जबकि एंडरसन की स्विंग लेती गेंद को जेपी डुमिनी पूरी तरह से चूक गए और बोल्ड होकर पैवेलियन लौटे। रोबिन पीटरसन के आउट होने से जब टीम बुरी तरह संकट में फँस गई थी, तब डेल स्टेन (20) और मोर्ने वान विक (13) ने आठवें विकेट के लिए 33 रन की साझेदारी करके उम्मीद जगाई। जब दक्षिण अफ्रीका को 18 गेंद पर आठ रन की दरकार थी तबब्रॉड ने लंबे समय से खूँटा गाड़े स्टेन और मोर्ने मोर्कल को आउट करके इंग्लैंड के खेमे में खुशी की लहर दौड़ाई।

इसके दो गेंद बाद पीटरसन ने विस्फोटक बल्लेबाज केविन पीटरसन (2) को भी पैवेलियन की राह दिखा दी, जिन्होंने पहली स्लिप में जाक कैलिस को कैच थमाया। पीटरसन ने इयान बेल (5) को आउट करके इंग्लैंड का स्कोर तीन विकेट पर 15 रन कर दिया। बेल फ्लाइट को समझने में नाकाम रहे और पीटरसन ने अपने बायीं तरफ डाइव लगाकर बेहतरीन कैच लिया।

ट्राट और बोपारा ने पारी सँवारने की कोशिश की तथा चौथे विकेट के लिए 99 रन जोड़े लेकिन इन दोनों ने बेहद धीमी गति से रन बनाए, जिससे दक्षिण अफ्रीकी खेमा किसी तरह से चिंतित नहीं दिखा। ट्राट ने अपने 52 रन के लिए जहाँ 94 गेंद खेली, वहीं बोपारा ने 60 रन के लिए 98 गेंद खर्च की। दोनों बल्लेबाजों ने तीन-तीन चौके लगाए। बोपारा इस बीच पारी का एकमात्र छक्का लगाने में भी सफल रहे।

ट्राट को लेग स्पिनर ताहिर ने अपनी ही गेंद पर कैच करके यह साझेदारी तोड़ी। इसके बाद दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाजों ने भी अपना जलवा दिखाया। मोर्कल ने मैट प्रायर (10) को आउट करने के बाद बोपारा को पगबाधा आउट किया। बल्लेबाज ने इसके लिए रेफरल माँगा लेकिन रीप्ले से साफ हो गया कि गेंद लेग और मिडिल स्टंप के बीच में लग रही थी।

स्टेन और ताहिर ने इसके बाद इंग्लैंड के निचले क्रम को समेटने में देर नहीं लगाई। स्टेन ने 37 रन देकर एक जबकि मोर्कल ने 16 रन देकर दो विकेट लिए। (भाषा)

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