थम जाएगा 'रफ्तार के बादशाह' का सफर

WD

गुरुवार, 17 मार्च 2011 (17:42 IST)
PTI
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कभी अपने प्रदर्शन तो कभी विवादों से लोगों को अकसर चौंकाने वाले पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने एक बार फिर सबको अचरज में डाल दिया। विश्वकप में अपना आखिरी दाँव आजमा रहे पाकिस्तान के स्टार गेंदबाज शोएब ने एकाएक संन्यास की घोषणा कर सबको चौंका दिया।

संवाददाता सम्मेलन में संन्यास की घोषणा करते हुए शोएब ने कहा कि उन्होंने बहुत सोच-विचार कर ये फैसला किया है। उनका कहना थी कि मैं इस विश्वकप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लूँगा। पाकिस्तान के फायनल में पहुँचने की उम्मीद करते हुए शोएब ने कहा कि विश्वकप में पाकिस्तान का अंतिम मैच मेरा भी अंतिम मैच होगा और इंशा अल्लाह यह मैच 2 अप्रैल को होगा।

शोएब का यह फैसला कुछ लोगों के लिए शायद कोई खास खबर नहीं हो पर तेज गेंदबाजों के मुरीद इस खबर को सुनकर मायूस जरूर होंगे। विश्वकप में जोरदार शुरूआत से उत्साहित पाकिस्तान की टीम की उम्मीदों को तगड़ा झटका मिला न्यूजीलैंड के हाथों 110 रनों से मिली करारी हार के बाद।

स्लॉग ओवर्स में जिस तरह से किवी बल्लेबाजों ने शोएब की गेंदों को बेरहमी से पीटा था और उनके एक ओवर में 28 रन ठोंक डाले थे, उसके बाद से ही 'रावलपिंड़ी एक्सप्रेस' पटरी से उतरने लगी थी। यह ठीक वैसा ही था जब भारत के सचिन तेंडुलकर ने 2003 के क्वार्टर फाइनल में शोएब सहित सभी तेज गेंदबाजों की खबर ले कर पाकिस्तान को हराया था।

अधिकतर समय विवादों से घिरे रहने वाले और रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब ने एक दौर वह भी देखा जब उनकी सनसनाती गेंदों से बल्लेबाजों के होश फाख्ता हो जाया करते थे। ब्रायन लारा ने जब पहली बार शोएब की सनसनाती गेंदों का सामना किया तो वे काफी असहज नजर आए। शोएब का एक बाउंसर सीधे उनके हेलमेट से जा टकराया और लारा 'रिटायर हर्ट' होकर पैवेलियन लौट गए थे। शोएब के नाम सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड 100.2 मील (161.3 किमी) प्रतिघंटा है, जो उन्होने 2003 के विश्वकप में इंग्लैंड के विरुद्ध फेंकी थी।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बार-बार अंदर-बाहर होते इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी की तेज रफ्तार और आक्रमकता ही उसकी सबसे बड़ी कमजोरी निकली। चोट और अपने गुस्सैल व्यवहार की वजह से अत्यंत प्रतिभाशाली होते हुए भी उन्हे कभी टीम में स्थायी जगह मिली ही नहीं।

शोएब में उनके पूर्ववर्ती गेंदबाजों जैसे इमरान खान, वसीम अकरम जैसा अनुशासन का लेशमात्र भी नहीं था। क्रिकेट के जानकार आज भी मानते है कि अगर थोड़ा सा धैर्य और अनुशासन शोएब में होता तो इस खिलाड़ी को महानतम बनने से कोई नहीं रोक सकता था।

2006 में शोएब को डोपिंग का दोषी पाया गया था। वर्ष 2007 में मोहम्मद आसिफ से मारपीट के कारण उन पर 13 वनडे मैचों की पाबंदी लगाई गई थी। 2008 में पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड की आलोचना करने पर उन पर 18 महीने का प्रतिबंध और 70 लाख रुपए जुर्माना हुआ था। इन तमाम हालातों ने दुनिया के इस तेज गेंदबाज को भीतर से तोड़ दिया था।

पाकिस्तान में 'हीरो' माने जाने वाले शोएब की सबसे ज्यादा प्रंशसक लड़कियाँ हैं। सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, भारत में भी शोएब को बहुत पसंद किया जाता है। बॉलीवुड में इनके कई अभिन्न मित्र है। सलमान और शाहरुख खान के साथ अकसर पार्टियों में देखे जाने वाले शोएब का नाम कई भारतीय अभिनेत्रियों खासतौर पर सोनाली बेंद्रे से जुड़ा रहा है। जब क्रिकेट का सीजन नहीं होता है तो आप तेज रफ्तार बाइक और कारों के शौकीन शोएब रावलपिंड़ी की सड़कों पर हवा से बातें करते हुए देख सकते हैं।

ग्लैमर और पैसे की चकाचौंध में फँसे शोएब के करियर का सबसे बुरा समय था जब वे डोपिंग के आरोप में टीम से बाहर हुए थे। उन्होंने संन्यास लेने का मन तभी बना लिया था। पर इस खिलाड़ी में संघर्ष करने की गजब की क्षमता थी। मेहनत और हौसले से शोएब अपने एकांतवास से जल्दी ही बाहर आए। आईपीएल के पहले सीजन में शोएब ने पदार्पण मैच में ही दिल्ली डेयर डेविल्स जैसी मजबूत टीम के खिलाफ तूफानी प्रदर्शन से कोलकाता नाइट राइडर्स को अहम जीत दिलाई थी।

अब शोएब का शबाब उतार पर है और उनकी गेंदों में वो तेजी भी नहीं रही, जिससे दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज भी खौफ खाते थे। बढ़ती उमर भी उनके प्रदर्शन पर असर कर रही है। शोएब को अब पहले जैसे लंबे स्पेल भी डालने में परेशानी होती है। अब कोई अगर यह सोचे की रावलपिडी एक्सप्रेस किसी डर की वजह से संन्यास ले रहे है तो यह बिलकुल बेमानी होगा।

शोएब अख्तर ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत 1997 में की थी और उन्होंने 46 टेस्ट मैचों में 178 विकेट लिए हैं। उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच वर्ष 2007 में भारत के विरुद्ध बेंगलुरु में खेला था। विश्वकप टूर्नामेंट के चलते अब तक शोएब 163 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में 247 विकेट ले चुके हैं।

यह बात तो तय है कि बहुत से बल्लेबाज अब राहत की साँस ले रहे होगें कि आने वाले समय में उन्हे कम से कम शोएब की सनसनाती गेंदों का सामना तो नहीं करना पड़ेगा।

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