युवराजसिंह ने पाँच विकेट चटकाने के बाद विषम परिस्थतियों में नाबाद अर्धशतक जड़कर भारत को आईसीसी क्रिकेट विश्वकप के ग्रुप 'बी' के रोमांचक मैच में रविवार को आयरलैंड पर पाँच विकेट की रोमांचक जीत दिलाई।
युवराज (31 रन पर पाँच विकेट) की फिरकी के जादू और जहीर खान (30 रन पर तीन विकेट) की तूफानी गेंदबाजी के सामने आयरलैंड की टीम कप्तान विलियम पोर्टरफील्ड (75) और नियाल ओ'ब्रायन (46) की उम्दा पारियों के बावजूद 207 रन पर ढेर हो गई। भारत ने इसके बाद 46 ओवर में पाँच विकेट के नुकसान पर 210 रन बनाकर मौजूदा विश्व कप में अपना अजेय अभियान जारी रखा।
भारत की राह हालाँकि आसान नहीं रही। आयरलैंड की सधी गेंदबाजी के सामने उसने एक समय 23.4 ओवर में 100 रन पर चार विकेट गँवा दिए थे लेकिन युवराज (नाबाद 50) और कप्तान महेंद्रसिंह धोनी (34) ने पाँचवें विकेट के लिए 67 रन जोड़कर टीम को लक्ष्य के करीब पहुँचाया। यूसुफ पठान (24 गेंद में नाबाद 30 रन, दो चौके, तीन छक्के) ने इसके बाद युवराज के साथ सिर्फ 5.5 ओवर में 43 रन की अटूट साझेदारी करके भारत को जीत दिला दी। युवराज ने 75 गेंद की अपनी पारी में तीन चौके मारे।
इस जीत के बाद भारत तीन मैचों में पाँच अंक के साथ ग्रुप बी में चोटी पर पहुँच गया है। चार मैचों में पाँच अंक के साथ इंग्लैंड दूसरे स्थान पर है। आयरलैंड के तीन मैचों में दो अंक हैं।
आयरलैंड के गेंदबाजों ने शुरू से ही भारतीय बल्लेबाजों पर अंकुश लगाकर रखा। भारत ने दूसरे ओवर में ही वीरेंद्र सहवाग (5) का विकेट गँवा दिया जो ट्रेंट जानस्टन की धीमी गेंद पर उन्हीं को कैच दे बैठे। गौतम गंभीर (10) ने जानस्टन और बायड रैनकिन पर चौका जड़कर अपने तेवर दिखाए लेकिन जानस्टन ने उन्हें एलेक्स कुसैक के हाथों कैच कराके भारत का स्कोर दो विकेट पर 24 रन कर दिया।
डाकरेल के अगले ओवर में कोहली को भी जीवनदान मिला लेकिन यह बल्लेबाज इसका फायदा नहीं उठा पाया और युवराज के साथ गलतफहमी का शिकार होकर रन आउट हो गया। युवराज और धोनी ने इसके बाद भारत की नैय्या पार लगाने का जिम्मा उठाया। दोनों ने जिम्मेदारी से बल्लेबाजी की और शुरुआत में एक दो रन लेकर रन गति बनाये रखने को तरजीह दी।
भारत जब चार विकेट पर 167 रन बनाकर मजबूत स्थिति में दिख रहा था तब डाकरेल ने अपने दूसरे स्पैल के दूसरे ओवर में धोनी को पगबाधा आउट कर दिया। धोनी ने 50 गेंद की अपनी पारी में दो चौके मारे।
पठान ने डाकरेल के इसी ओवर में दो छक्के और एक चौका मारकर दिखा दिया कि वह रूककर खेलने के मूड में नहीं है। उन्होंने इसके बाद पाल स्टर्लिंग पर भी छक्का जड़ा। उनके इसी रवैये से आयरलैंड के गेंदबाज दबाव में आ गए और भारत ने आसानी से जीत दर्ज की।
इससे पहले ‘मैन ऑफ द मैच’ युवराज ने 31 रन देकर पाँच विकेट चटकाए जो विश्व कप इतिहास में बाएँ हाथ के किसी स्पिनर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। भारत की सटीक गेंदबाजी के आगे आयरलैंड की टीम 47.5 ओवर में सिमट गई।
भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और आयरलैंड की टीम जल्द ही दो विकेट गँवाकर संकट में घिर गई लेकिन पोर्टरफील्ड ने जीवनदान का फायदा उठाते हुए टीम को मुश्किल हालात से उबारा। पोर्टरफील्ड ने 104 गेंद की अपनी पारी के दौरान छह चौके और एक छक्का जड़ा जबकि नियाल ओ'ब्रायन ने तीन चौके मारे।
जहीर ने तीसरे ओवर तक पाल स्टर्लिंग (0) और एड जोएस (4) को पैवेलियन भेजकर भारत को अच्छी शुरूआत दिलाई। पोर्टरफील्ड और नियाल ओ'ब्रायन ने इसके बाद पारी को संभाला। दोनों ने बेहतरीन गेंदबाजी कर रहे जहीर के खिलाफ सतर्क होकर खेलने की रणनीति बनाई जबकि अन्य गेंदबाजों को निशाना बनाया।
पोर्टरफील्ड और नियाल ने पीयूष चावला के खिलाफ आक्रमण किया जो भारतीय गेंदबाजी की सबसे कमजोर कड़ी साबित हुए। पोर्टरफील्ड ने उन पर डीप मिडविकेट के उपर से छक्का जड़ा। इस लेग स्पिनर ने अपने पहले स्पैल में काफी अतिरिक्त रन दिए, जिसमें एक ओवर में तीन वाइड और एक नोबॉल भी शामिल है।
पोर्टरफील्ड ने चावला की गेंद पर चौके के साथ अपना अर्धशतक पूरा किया। आयरलैंड जब अच्छी स्थिति में नजर आ रहा था तब विराट कोहली के थ्रो पर धोनी ने नियाल ओ'ब्रायन को रन आउट किया। आयरलैंड ने 40 रन के भीतर चार विकेट चटकाए जिसमें पोर्टरफील्ड का विकेट भी शामिल है।
एंड्रयू वाइट (5) युवराज की गेंद पर धोनी को कैच देकर पवेलियन लौटे जबकि पिछले मैच के हीरो केविन ओ'ब्रायन (9) को युवराज ने अपनी ही गेंद पर लपका। युवराज ने इसके बाद पोर्टरफील्ड को कवर में हरभजनसिंह के हाथों कैच कराया। निचले क्रम में आयरलैंड के लिए कुसैक (24) और ट्रेंट जानस्टन (17) ने उपयोगी रन जोड़े। (भाषा)