पहले क्वार्टर फाइनल में जब दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 20-25 रन बनाने थे, तो मशहूर क्रिकेट कमेंटेटर अयाज मेमन ने ट्वीट किया, 'अगर श्रीलंका यहां से जीत जाता है, तो मैं अपनी मूंछें मुंडवा लूंगा।' मैंने अयाज के साथ काम किया है और मूंछों से उनके लगाव को जानता हूं। क्रिकेट और मूंछें – दोनों में उनका 35 साल का तजुर्बा है।
अयाज अगर मुझसे पूछें, तो भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले मैच में वह अभी से ऐसी शर्त रख सकते हैं। क्रिकेट में वैसे तो किसी भी दिन बड़ा उलटफेर हो सकता है लेकिन आम तौर पर ऐसे उलटफेर टूर्नामेंट के शुरुआती मैचों में आते हैं। वर्ल्ड कप जैसे मुकाबले जैसे जैसे आगे बढ़ते हैं, बड़ी टीमें स्थायी और संतुलित होती जाती हैं।
भारत के लिए अच्छी बात रही कि उसने अपने पहले दो मैच जीते। इसके बाद उसके सामने सारे आसान मैच थे। इस दौरान उसे प्रयोग और प्रैक्टिस का पर्याप्त वक्त मिला। साथ ही टीम को लगातार जीत भी मिलती रही। अब टीम इंडिया ऐसी जगह पहुंच चुकी है, जहां एक जुझारू और मजबूत टीम ही उसे हरा सकती है। यह टीम बांग्लादेश नहीं हो सकती।
भारत की सबसे कमजोर कड़ी उसकी गेंदबाजी फिलहाल उसकी सबसे मजबूत कड़ी बन चुकी है। वह छह मैचों में 60 विकेट ले चुकी है। यानी सभी मैचों में उसने सामने वाली टीम को ऑल आउट किया है और ऐसा करने वाली वह इस वर्ल्ड कप की इकलौती टीम है।
मोहम्मद शमी और उमेश यादव की तेज गेंदों के अलावा आर अश्विन और जडेजा की फिरकी भी काम कर रही है। आम तौर पर टीमें भारतीय बल्लेबाजों को काबू में करने की योजना बनाती थीं, इस बार उनकी रणनीति भारतीय गेंदबाजों को खेलने पर बन रही है।
बांग्लादेश की टीम में तमीम इकबाल, महमदुल्लाह और मुशफिकुर रहीम जैसे अच्छे खिलाड़ी हैं लेकिन सच यह है कि उनकी टीम किस्मत के बल पर आखिरी आठ में पहुंची है। बड़ी जीत के रूप में उसके नाम सिर्फ इंग्लैंड के खिलाफ जीत रही। वैसे इंग्लैंड का इस वर्ल्ड कप में जो हाल था, वह भी किसी से छिपा नहीं।
किस्मत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी बांग्लादेश का साथ दिया। वह मैच बारिश से रद्द हो गया और बांग्लादेश को बैठे बिठाए अंक मिल गया।
क्रिकेट को असीम संभावनाओं का खेल कहते हैं और बांग्लादेश 2007 वर्ल्ड कप के पहले दौर के मैच भी प्रेरणा ले सकता है, जहां उसने भारत को हरा कर बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
बांग्लादेश और भारत पड़ोसी देश हैं। दोनों ही उप महाद्वीपीय शैली में क्रिकेट खेलते हैं और बांग्लादेश भारतीय क्रिकेटरों से भली भांति परिचित है। लेकिन तजुर्बे और तेजी में वह भारत से बहुत पीछे है. अगर भारतीय टीम जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास के चक्कर में फंसी, तो बांग्लादेश को मदद मिल सकती है। वर्ना तो इस मैच के रोमांचक होने के कम ही आसार हैं।
चर्चा तो यह हो रही है कि इस जीत के बाद अगले मैच यानी सेमीफाइनल में भारत के सामने कहीं फिर पाकिस्तान न आ जाए।