ऑकलैंड। जिम्बाब्वे के कोच डेव वाटमोर ने कहा है कि विराट कोहली उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने शुरुआती अच्छे प्रदर्शन के बाद अपनी क्षमता को पहचाना है लेकिन अभी उसे लंबा सफर तय करना है। वाटमोर भारत की अंडर 19 टीम के कोच थे जब कोहली और रविंद्र जडेजा ने अपने कैरियर का आगाज किया था।
शनिवार को भारत का मुकाबला जिम्बाब्वे से होगा तो वाटमोर की कोशिश कोहली के बल्ले को खामोश करने की होगी। वाटमोर ने जिम्बाब्वे टीम के अभ्यास सत्र से इतर मीडिया से बातचीत में कहा कि किसी भी युवा खिलाड़ी की तरह अगर आपने कोहली और जडेजा का विकास देखा है तो उसे देखकर अच्छा लगता है। मैं कुछ ही समय उनके साथ था लेकिन मुझे बहुत मजा आया।
उन्होंने कहा कि यह साफ था कि उनमें आगे बढने की प्रतिभा है और यह देखकर अच्छा लगा कि उन्होंने इसे पहचाना लेकिन अभी उन्हें लंबा सफर तय करना है। उन्होंने कोहली के आक्रामक रवैए को तूल नहीं देते हुए कहा कि यह उसके आत्मविश्वास का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कोहली आत्मविश्वास से ओतप्रोत है और अंडर 19 कप्तान के तौर पर भी उसमें काफी आत्मविश्वास था।
वाटमोर का बतौर कोच भारत के खिलाफ रिकार्ड अच्छा रहा है। वह उस समय श्रीलंका के कोच थे जब उसने 1996 विश्व कप में दो बार भारत को हराया था। वह 2007 में बांग्लादेश के कोच थे जब उसने राहुल द्रविड़ की अगुवाई वाली भारतीय टीम को पहले दौर में बाहर कर दिया था।
जिम्बाब्वे की टीम पहले ही क्वार्टर फाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी है। वाटमोर ने कहा कि अब सब कुछ बदल गया है और यह पहला विश्व कप होगा जब मेरी टीम दूसरे दौर में नहीं होगी। मौजूदा भारतीय टीम से प्रभावित वाटमोर का मानना है कि यह पिछली टीमों से बेहतर है।
उन्होंने कहा कि यह पिछली टीमों से एकदम अलग है। यह विरोधी टीम को लगातार आउट कर रही है जो प्लस प्वाइंट है। भारत की बल्लेबाजी को लेकर कोई सवाल नहीं था लेकिन मजबूत गेंदबाजी की जरूरत थी जो विश्व कप में देखने को मिली। (भाषा)