छठे नंबर पर रोहित की प्रतिभा बर्बाद हो रही थी : धोनी
गुरुवार, 19 मार्च 2015 (21:57 IST)
मेलबर्न। बांग्लादेश के खिलाफ विश्व कप क्वार्टर फाइनल में रोहित शर्मा की मैच विजेता पारी से प्रसन्न भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आज कहा कि मुंबई का यह बल्लेबाज सलामी बल्लेबाज के रूप में टीम का अहम अंग है और मध्यक्रम में उनकी प्रतिभा बर्बाद हो रही थी।
रोहित ने क्वार्टर फाइनल 126 गेंदों पर 137 रन बनाए। कप्तान से पूछा गया कि उन्हें ‘2015 के रोहित’ और ‘2011 के रोहित’ में क्या बदलाव नजर आता है।
धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘यदि मैं चार साल पहले की बात करूं तो यह वास्तविक तुलना नहीं होगी क्योंकि तब वह हमारे लिए पारी की शुरुआत नहीं कर रहा था। हमें लगा कि यदि वह हमारे लिए नंबर छह पर बल्लेबाजी करता है तो यह प्रतिभा को बर्बाद करना होगा क्योंकि उसे बल्लेबाजी का पर्याप्त मौका नहीं मिलता था। हमारा शीर्ष क्रम तय था। हम उसे खेलने के बहुत मौके नहीं दे सकते हैं।’
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उन्होंने रोहित के बारे में आगे भी बात की जिससे लगा कि उन्होंने इस बल्लेबाज के करियर का गहरा अध्ययन किया है। धोनी ने कहा, ‘यदि आप पहले 40 मैच देखो तो आपको लगेगा कि उसने बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं किया लेकिन इन 40 मैचों में वह कुछ अवसरों पर आखिरी चार या पांच ओवरों में बल्लेबाजी के लिए आया और यह मुश्किल होता है।’
उन्होंने कहा, ‘भारत में कई बार आपको बल्लेबाजी का मौका नहीं मिलता और आपको यदि दो मैचों में आखिरी दस ओवरों में मौका मिलता है तो इसे अवसर माना जाता है। तब हमने उसे ओपनर बनाने का फैसला किया और उसने इसे स्वीकार कर लिया।’
रोहित और सुरेश रैना ने आज चौथे विकेट के लिए 122 रन जोड़े और उन्होंने जिस तरह से मैच का पासा पलटा उससे धोनी खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘एक बार उन्होंने (बांग्लादेश के गेंदबाजों) अच्छी गेंदबाजी करनी शुरू की तो फिर बल्लेबाजों के लिए स्ट्राइक रोटेट करना मुश्किल था। मुझे लगता है कि रोहित और रैना ने वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की।’
धोनी ने रैना के बारे में कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि रैना नैसर्गिक स्ट्रोक प्लेयर है। अकसर वह बहुत जल्दी गेंदबाजों पर हावी हो जाते हैं। इसलिए उन जैसे बल्लेबाज का नंबर पांच पर होना अच्छा है लेकिन कुल मिलाकर जिस तरह से उन्होंने मैच का नक्शा बदला वह महत्वपूर्ण था क्योंकि तब एक विकेट और गिरता तो फिर हो सकता था कि हम 250 रन तक ही पहुंच पाते।’
ऑस्ट्रेलिया दौर में लचर प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम अब सेमीफाइनल में पहुंच गई है, जहां उसका मुकाबला पाकिस्तान या ऑस्ट्रेलिया में से किसी एक से हो सकता है।
ऑस्ट्रेलिया के एक पत्रकार ने जब धोनी से पूछा कि उन्हें क्या लगता है कि इनमें से कौनसी टीम सेमीफाइनल में पहुंचेगी? उन्होंने कहा, ‘यह मायने नहीं रखता क्योंकि विश्व कप में आपको हर किसी और हर टीम के खिलाफ खेलना होता है। आपको हर टीम से जीतना होता है।’
लेकिन जब इस पत्रकार ने फिर से पूछा कि यदि ऑस्ट्रेलिया जीत जाता है तो आप उसके लिए कितने तैयार हैं? धोनी ने कहा, ‘क्या आप बेट.कॉम या इसी तरह से कहीं पैसा लगा रहे हो।’
इसके बाद धोनी ने मुस्कराते हुए कहा, ‘कभी कभी ऐसा हो जाता है। यह महत्वपूर्ण था। बहुत अच्छी साझेदारी चल रही थी और मैंने केवल डाइव लगाई। मैंने सोचा कि यह मुझसे थोड़ी दूर है। मैंने डाइव लगाई और गेंद मेरे हाथों में आ गयी। यह संतोषजनक पल था।’
आजकल टीमें अकसर 300 रन से अधिक का स्कोर बना लेती हैं। इस पर धोनी ने कहा, ‘‘ऐसा पांच खिलाड़ियों के घेरे के अंदर होने और टी20 के प्रभाव के कारण हो रहा है। टीमें विकेट बचाए रखती हैं और इससे मदद मिलती है। यदि विकेट शुष्क हो तो फिर कुछ रिवर्स स्विंग मिलती है लेकिन यदि विकेट सपाट हो तो अधिकतर टीम 300 रन बनाएंगी।’
टीम में अचानक आए बदलाव के लिए धोनी ने कोई एक कारण नहीं बताया। उन्होंने कहा, ‘यह बदलाव कैसे हुआ यह बताना मुश्किल है। हमारे बहुत अधिक खिलाड़ी सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शामिल नहीं हैं लेकिन बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। गेंदबाजी ऐसा विभाग था जिसमें हम सुधार चाहते थे। यहां तक कि विश्व कप से पहले न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में भी हम इस विभाग में जूझ रहे थे लेकिन अब बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘जैसे कि लचर फार्म में चल रहा बल्लेबाज फार्म में लौट आता है, उसी तरह क्रिकेट में इस तरह के कई तत्व होते हैं लेकिन हमें कई छोटी छोटी चीजों को सही करने की जरूरत थी।’ (भाषा)