- वेबदुनिया डेस्क
बड़ी उम्मीद थी मेहरबां....भारतीय टीम से क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद थी कि वह ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में पटखनी देकर वर्ल्ड कप 2015 के फाइनल में जगह बनाएगी, लेकिन ऐसा हो न सका। धोनी की टीम 95 रनों के बड़े अंतर से हार गई। आइए जानते हैं भारत की हार की पांच वजह।
1. टॉस न जीतना : टॉस नहीं जीतने के लिए कप्तान धोनी को दोष नहीं दिया जा सकता। इस जीत के लिए यह बहुत जरूरी था कि भारतीय टीम टॉस जीते। ग्रुप स्टेज में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका जैसी बड़ी टीम को हरा दिया था।
टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करके विशाल स्कोर खड़ा किया। अगर भारतीय टीम ने टॉस जीता होता तो तस्वीर उलट भी हो सकती थी।
2. मोहम्मद शमी का सफल नहीं होना : भारतीय टीम के वर्ल्ड कप 2015 के सफर में मोहम्मद शमी ने बड़ी भूमिका निभाई। शमी केवल इसी मैच में कोई विकेट नहीं ले पाए और भारतीय गेंदबाजी फ्लॉप रही। शमी विकेट ले पाते तो शायद कहानी कुछ और ही होती।
अगले पन्ने पर, भारी पड़ा बड़े स्कोर का दबाव...
3. बड़े स्कोर का दबाव : भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को 328 रनों का विशाल स्कोर बनाने का मौका दिया और यहीं से बड़े स्कोर का दबाव बल्लेबाजों पर आ गया। भारतीय बल्लेबाज बीच के ओवरों में तेजी से रन नहीं बना पाई। इससे अतिरिक्त दबाव पड़ा और विकेट गिरते रहे।
4. विराट कोहली के बल्ले की खामोशी : विराट कोहली ने अपने 22 वनडे शतक में से 14 शतक रनों का पीछा करते हुए बनाए हैं। सेमीफाइनल मैच में भी उम्मीद थी कि कोहली बड़ी पारी खेलेंगे, लेकिन वे गैरजिम्मेदार शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा बैठे। कोहली को आउट करने के बाद ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज भारत पर हावी हो गए।
5. मध्यक्रम का फेल होना : कोहली के आउट होने के बाद अजिंक्य रहाणे और सुरेश रैना जैसे बल्लेबाजों के बीच साझेदारी नहीं होना भी हार की एक वजह है। रैना और रहाणे को मध्यक्रम की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए थी। अच्छे गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ रैना की कमजोरी एक बार फिर जगजाहिर हुई। रहाणे गैप नहीं ढूंढ पा रहे थे और इसी दबाव में वे अपना विकेट गंवा बैठे।