दक्षिण अफ्रीका को बारिश ने रुलाया

ग्रांट इलियट का छक्का कुछ कुछ धोनी की याद दिला गया। डेल स्टेन की गेंद को उन्होंने लगभग उसी जगह पहुंचाया, जहां धोनी का विश्व कप जीतने वाला छक्का गिरा था। न्यूजीलैंड पहली बार वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचा, लेकिन इन सबके बीच बारिश की कहानी अधूरी रह गई।

भले ही ऑकलैंड में बारिश कुछ ही देर के लिए हुई हो, लेकिन यह पूरे मैच के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। इस वर्ल्ड कप में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम 30-35 ओवरों तक संभल कर खेलती आई है। कई बार बचे हुए 15 ओवरों में टीमें अपना स्कोर दोगुना कर लेती हैं। भारत ने भी क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ ऐसा ही किया था।

दक्षिण अफ्रीका ने छोटे ग्राउंड पर अहम मैच में संभल कर पारी तैयार की थी और दूसरे पावर प्ले तथा स्लॉग ओवरों का इंतजार कर रही थी। टीम के कप्तान एबी डी'विलियर्स और फाफ डुप्लेसी जिस वक्त पारी की गति तेज कर रहे थे, ठीक उसी वक्त बारिश हो गई। ऑकलैंड दुनिया के उन शहरों में है, जहां बारिश कभी भी हो सकती है और कभी भी बता कर नहीं आती। ऐसा भी हो सकता है कि शहर के एक हिस्से में बारिश हो और दूसरे में धूप। सेमीफाइनल के दौरान भी ऐसा ही हुआ।

यूं तो बारिश ने खेल को सिर्फ 14 ओवर कम किए लेकिन इससे दक्षिण अफ्रीका की पूरी रणनीति तहस-नहस हो गई। खेल रुका, तो उसने 38 ओवर में 216 रन बनाए थे और खेल जब दोबारा शुरू हुआ, तो उसे सिर्फ पांच ओवर और खेलने मिले। अगर यह बारिश 15 ओवर पहले हुई होती, तो शायद दक्षिण अफ्रीका की रणनीति पर ऐसा असर नहीं पड़ता क्योंकि तब उसे आखिर के 15 ओवर खेलने मिल जाते।

बारिश ने दक्षिण अफ्रीका के पहले बल्लेबाजी के फैसले को भी गलत साबित कर दिया। यूं तो नॉकआउट मैचों में पहले बल्लेबाजी करने से दबाव कम रहता है, लेकिन छोटे ग्राउंड पर नहीं। यूं तो न्यूजीलैंड को भी बड़ा लक्ष्य हासिल करना था लेकिन पारी शुरू होने से पहले उनका लक्ष्य साफ था। उन्हें पता था कि 43 ओवर में उन्हें जीत के लिए 299 रन बनाने हैं।

टीम की रणनीति उसी आधार पर बनी और ब्रैंडम मैकुलम ने बिना वक्त गंवाए ताबड़तोड़ शॉट लगाने शुरू कर दिए। अगर दूसरी पारी में भी बारिश हो जाती और उसकी वजह से अगर कुछ ओवर कम करने पड़ते, तो न्यूजीलैंड को और मुश्किल लक्ष्य मिलता।

बहरहाल, दक्षिण अफ्रीकी को 23 साल पहले का सेमीफाइनल याद आ रहा होगा, जब बारिश ने उसका खेल बिगाड़ा था। तब दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड के खिलाफ बाद में बल्लेबाजी की थी और बारिश का नुकसान फौरन पता लग गया। एबी डी'विलियर्स इस बार मोर्ने मोर्केल की आंखों से बहते आंसू इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि टीम के नाम के साथ चोकर का जो टैग लगा है,  उसे हटने में कम से कम चार साल और लगेंगे।

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