सिडनी। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भारत पर सेमीफाइनल में आसान जीत के लिए माइकल क्लार्क की टीम की तारीफ की जबकि भारतीय टीम की आलोचना की।
ऑस्ट्रेलिया के 329 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत 46.5 ओवर में 233 रन पर सिमट गया और मीडिया ने गुरुवार के मैच में गंवाए मौकों के लिए मेहमान टीम की आलोचना की।
‘डेली टेलीग्राफ’ ने अपनी खबर में लिखा कि अगर भारत को ऑस्ट्रेलिया के लक्ष्य को हासिल करने की कोई संभावना पैदा करनी थी तो यह धोनी या कोहली पर था कि वे टीम को जीत दिलाएं लेकिन दोनों में कोई ऐसा नहीं कर पाया।
समाचार पत्र ने लिखा कि महेंद्र सिंह धोनी जब तक क्रीज पर थे तब तक भारत की उम्मीद थी, लेकिन विश्व कप के सेमीफाइनल में भारतीय कप्तान ने घुटने टेक दिए।
हाल में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद संभवत: अपना अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे धोनी ने ग्लेन मैक्सवेल द्वारा रन आउट होने से पहले भारत की ओर से सर्वाधिक 65 रन बनाए।
इसमें कहा गया कि यह शानदार थ्रो था, लेकिन ऐसा लगता है कि बीच पिच पर ही धोनी ने उम्मीद छोड़ दी। क्रीज पर पहुंचने के लिए कूद नहीं लगाई, कोई अंतिम प्रयास नहीं किया। वे सीधे ड्रेसिंग रूम की तरफ दौड़ गए और उनके साथ ही भारत की मामूली उम्मीद भी टूट गई।
इस खबर में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन के हवाले से धोनी के क्रीज पर पहुंचने के लिए बल्ले का इस्तेमाल तक नहीं करने पर हैरानी जताई गई।
पीटरसन ने कहा कि मुझे नहीं पता कि धोनी वहां क्या कर रहे थे। वे क्रीज तक पहुंच सकते थे। बेशक वे पहुंच सकते थे। एक अन्य समाचार पत्र ‘सिडनी मॉर्निंग हेरॉल्ड’ ने धोनी की पारी को ‘अजीब’ करार दिया।
समाचार पत्र की खबर के अनुसार- ऑस्ट्रेलिया का 7 विकेट पर 328 रन का स्कोर क्या पर्याप्त होगा? इसका जवाब मिल गया है लेकिन धोनी की 65 रन की विचित्र पारी के अंत तक तनाव कम नहीं हुआ था। धोनी ने लक्ष्य हासिल करने के लिए रहस्यमयी तरीके से अंतिम वार का इंतजार किया और शेन वॉटसन पर लगातार 2 छक्कों के साथ इसकी शुरुआत की।
खबर में कहा गया कि ग्लेन मैक्सवेल ने हालांकि इसके तुरंत बाद शानदार तरीके से उन्हें रन आउट कर दिया। ऐसा लगा ही नहीं कि धोनी ने क्रीज पर पहुंचने का प्रयास किया। मीडिया ने मैच के दौरान गहमागहमी और भारतीय उपकप्तान विराट कोहली की महिला मित्र अनुष्का शर्मा की मौजूदगी पर भी लिखा।
रिपोर्ट के अनुसार कि इन दोनों टीमों के बीच पूरी गर्मियों के दौरान मैदान पर गहमागहमी के बाद यह मैच भी पिच पर बहस के बिना खत्म नहीं हुआ। मिशेल स्टार्क की सुरेश रैना के साथ गर्मागर्म बहस हुई। इसमें कहा गया कि 42,330 दर्शकों के बीच मैदान पर अधिकांश नीले कपड़े पहने लोग थे।
ऑस्ट्रेलिया कई बार ऐसा लग रहा था कि मूर पार्क, नहीं मुंबई है। दर्शकों को बड़ी स्क्रीन पर विराट कोहली की महिला मित्र की तस्वीर दिखाई गई।
एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया कि एक मैच, एक कैच टपकाना, एक ओवर, एक रन और एक स्तब्ध सेलीब्रिटी महिला मित्र। अधिकांश समय ऑस्ट्रेलिया को परेशान करने वाले विराट कोहली के लिए विश्व कप सेमीफाइनल भुलाने वाला रहा। (भाषा)