श्रीलंका ने खुद हार की जमीन तैयार की

बुधवार, 18 मार्च 2015 (14:54 IST)
- वेबदुनिया डेस्क

श्रीलंका टीम क्वार्टर फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के सामने इस तरह खेली, जैसे कोई नौसिखिया टीम खेल रही हो। जिस टीम में कुमार संगकारा, माहेला जयवर्धने, तिलकरत्ने दिलशान और लसिथ मलिंगा जैसे अनुभवी खिलाड़ी हों, वह टीम वर्ल्ड कप के अति महत्वपूर्ण मैच में हार तो सकती है, लेकिन इतनी बुरी तरह नहीं, जैसा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हारी।

टॉस जीतकर बल्लेबाजीर करने के फैसले में कोई बुराई नहीं थी, लेकिन जिस सोच के साथ श्रीलंका की पारी आगे बढ़ी, वह सोच ही हार का कारण है। जरूरत से अधिक रक्षात्मक खेल श्रीलंका के लिए भारी पड़ गया।  सिडनी का विकेट बल्लेबाजी के लिए अच्छा था और डिकॉक के स्ट्रोक्स इस बात को साबित भी कर रहे थे, लेकिन श्रीलंका के बल्लेबाज विकेट पर टिकना ही नहीं चाहते थे।

श्रीलंका को रौंदकर दक्षिण अफ्रीका सेमीफाइनल में

अगर श्रीलंका के बल्लेबाजों की ही गलतियां निकली जाएं और श्रेय इमरान ‍ताहिर और जेपी डुमिनी और मोर्ने मौर्केल को न दिया जाए तो यह दक्षिण अफ्रीका के साथ नाइंसाफी होगी। टॉस हारने से शायद एबी डिविलियर्स थोड़े दुखी होंगे, क्योंकि वे भी इस विकेट पर शायद पहले बल्लेबाजी करना पसंद करते,  लेकिन जिस अंदाज़ में डेल स्टेन के साथ एबॉट ने गेंदबाजी की शुरुआत की, उससे श्रीलंका के बल्लेबाज खुलकर खेल नहीं पाए।

स्टेन, मॉर्केल और एबॉट की आक्रमक गेंदबाजी ने श्रीलंका के बल्लेबाजों को धीमा खेलने पर मजबूर कर दिया और जब भी उन्होंने बड़ा स्ट्रोक लगाने की कोशिश की, विकेट गिरा। जयवर्धने, संगकारा और खुद कप्तान एंजेलो मैथ्यूज़ इसी तरह आउट हुए।  दक्षिण अफ्रीका टीम इस जीत की हकदार थी, लेकिन यह भीर सही है कि इस बड़ी जीत के लिए श्रीलंका ने खुद दक्षिण अफ्रीका की राह आसान की।

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