सिडनी में शुक्रवार को 2011 की विश्व कप चैम्पियन भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया के हाथों सेमीफाइनल में 95 रनों से मिली पराजय को क्रिकेटप्रेमी अब तक नहीं पचा पा रहे हैं। विश्व कप की सिर्फ एक हार ने टीम इंडिया के नायकों को 'खलनायक' बना दिया है। यही कारण है कि सोशल मीडिया में टीम इंडिया की हार पर जमकर भड़ास निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
व्हाट्सएप यह मैसेज वायरल हो रहा है...शोक समाचार..बड़े दु.ख के साथ सूचित किया जाता है कि हमारी टीम का ऑस्ट्रेलिया में दु:खद निधन हो गया है। इसके जिम्मेदार अनुष्का शर्मा और विराट कोहली का मुंडन भारत आने पर किया जाएगा। भारतीय क्रिकेट टीम का उठावना इनने मुंडन के पश्चात किया जाएगा।
'इंडियन टीम की हालत वैसी ही है कि दस्त लगे हैं और शंख भी बजाना है..'
ऐसी बात नहीं है कि सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर टीम इंडिया को सिर्फ कोसा ही जा रहा है। व्हाट्सएप पर कुछ सपोर्टर भी हैं जो लिखते हैं ' बहुत मजाक बना लिया इंडियन टीम का। एक सच यह भी है कि उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में हमारी उम्मीदों से अच्छा प्रदर्शन किया। पाकिस्तान को हराकर उन्होंने हमें बड़ी खुशी पहले ही दे दी थी। वेल डन टीम इंडिया, अब घर आ जाओ, साढ़े चार महीने से पराए देश में पसीना बहा रहे हो सब..'
टीम इंडिया के सितारा खिलाड़ी विराट कोहली और अनुष्का शर्मा के आपसी संबंध जगजाहिर हैं। विराट ने कई मौकों पर भारतीय टीम को जीत का स्वाद चखाया है और सिर्फ सेमीफाइनल मैच में 1 रन पर आउट होने की नाकामी ने उन्हें हीरो से विलेन बना दिया है। यही नहीं, उनकी इस नाकामी का ठीकरा प्रेयसी अनुष्का के सिर फोड़ा जा रहा है।
सोशल मीडिया में अनुष्का को लेकर जाने क्या क्या लिखा जा चुका है लेकिन इस आलोचना के बाद बॉलीवुड इस अभिनेत्री के बचाव में सामने आ गया है। फिल्मी तारिकाओं के साथ ही टेनिस सनसनी ने भी अनुष्का के लिए आवाज बुलंद की है।
ट्विटर पर अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा लिखती हैं 'अपने दोस्त को चियर करने आई अनुष्का पर सिर्फ इसलिए इल्जाम लगाया जा रहा है क्योंकि वह मैच देखने गई थी..इस अनादर को बंद करें..'
बिपाशा बसु ने भी अनुष्का का बचाव करते हुए लिखा 'पूरा देश एक टीम का समर्थन कर सकता है मगर टीम के सदस्य की गर्लफ्रेंड नहीं कर सकती, क्या ये सही है..'
महिला टेनिस में भारत का तिरंगा पूरी दुनिया में लहराने वाली टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा भी अनुष्का शर्मा के बचाव में मैदान पर कूद पड़ी हैं। सानिया लिखती हैं 'क्या एक महिला सिर्फ कमजोरी बन सकती है..ताकत नहीं।'
बहरहाल, जो मैदान पर होना था, वो हो चुका है..जो आक्रोश था उसे भी उतर जाना चाहिए क्योंकि एक हार से सब कुछ समाप्त नहीं हो जाता। जिन लोगों ने गुरुवार की शाम भारतीय क्रिकेट सितारों के पोस्टर जलाए और गुस्से में आकर अपने टीवी सेट्स फोड़े, उन्हीं लोगों तब खूब मिठाईयां बांटी थी, जब भारत ने विश्व कप पहले ही मैच में पाकिस्तान को हार का स्वाद चखाया था।
सच तो यह है कि खेल को हमेशा खेल भावना से लेना चाहिए। विश्व कप की हार से देश का हर क्रिकेटर दु:खी है लेकिन इस दु:ख को ताउम्र तो सीने से लगाया नहीं जा सकता। महज एक हार से इन क्रिकेटरों की जिंदगी तो खत्म नहीं हो जाती..इन क्रिकेटरों को थोड़ा सा वक्त दीजिए, हार का मंथन स्वयं करने दीजिए। (वेबदुनिया न्यूज)