मुंबई। भारतीय शेयर बाजारों के लिए 2022 एक सुखद साबित हुआ। एक ओर दुनिया भर के शेयर बाजार संघर्ष करते दिखे तो सेंसेक्स और निफ्टी पूरे वर्ष कुलांचें भरता रहा। सेंसेक्स पहली बार 60,000 पार पहुंचा तो निफ्टी भी 18,000 से ऊपर पहुंच गया।
कोरोना वायरस, रूस-यूक्रेन वॉर, महंगाई, एनएसई से जुड़े विवाद से शेयर बाजार पर पड़े दबाव के बाद भी सेंसेक्स और निफ्टी 2022 के अंत में बेहतर स्थिति में नजर आ रहे हैं। शेयर बाजार से जुड़े लोगों का मानना है कि 2023 भी भारतीय बाजार के लिए जबरदस्त रहेगा। यह भी कहा जा रहा है कि नए साल के पहले क्वार्टर में ही निफ्टी 20,000 के आंकड़े को छू सकता है।
सेंसेक्स में इस वर्ष करीब 4200 अंकों की तेजी आई जबकि निफ्टी भी 1200 अंक मजबूत हुआ। इस दौरान लार्जकैप, मिडकैप, स्मालकैप के कई शेयरों ने निवेशकों की बल्ले-बल्ले कर दी। करीब 64 शेयरों में निवेशकों को 100 फीसदी से 336 फीसदी रिटर्न मिला।
हालांकि शेयर बाजार में इस वर्ष सब कुछ केवल सकारात्मक ही नहीं रहा। जून 2022 में शेयर बाजार में खासा करेक्शन देखने को मिला था। 17 जून 2022 को निफ्टी 15183 के लेवल तक कमजोर हुआ था, जबकि सेंसेक्स भी गिरते हुए 50921 के लेवल तक पहुंच गया था। सेंसेक्स इस वर्ष 2,673.61 अंक यानी 4.58 प्रतिशत चढ़ा। प्रमुख सूचकांक एक दिसंबर को रिकॉर्ड 63,583.07 अंक पर था।
भारतीय निवेशकों का भरोसा बढ़ा : अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दर बढ़ाने के बाद जब दुनिया भर के बाजारों से FDI और FII अपना पैसा निकाल रहे थे तब घरेलू निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार को बड़ा सहारा दिया। उन्होंने सेंसेक्स और निफ्टी को गिरने नहीं दिया। म्युचुअल फंड के माध्यम से भी आए निवेश ने भी इक्विटी बाजार को नई ऊर्जा दी। CDSL के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2020 में एक्टिव बीओ खातों की संख्या 2.61 करोड़ रुपए थी जबकि सितंबर 2022 में यह बढ़कर 7.33 करोड़ हो गई।
अडाणी की बल्ले बल्ले : उद्योगपति गौतम अडाणी की कंपनियों पर भारतीय शेयर बाजार ने पूरा भरोसा दिखाया। निवेशकों के इसी विश्वास की बदौलत वह दुनिया के 3 सबसे अमीर लोगों पहुंच गए। एक ओर दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी रहे एलन मस्क की संपत्ति 10.17 लाख करोड़ रु. घटकर 12.24 लाख करोड़ पर आ गई। दुनिया के अमीरों की सूची में वे दूसरे स्थान पर आ गए। वहीं अडाणी की संपत्ति में 4.1 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ। अडाणी दुनिया के एकमात्र ऐसे उद्योगपति रहे जिनकी संपत्ति सबसे तेजी से बढ़ी।
वर्ष 2022 में अडाणी ग्रुप की 7 लिस्टेड कंपनियों की मार्केट वैल्यू में दोगुने से ज्यादा का इजाफा हुआ। अडाणी पॉवर लिमिटेड सबसे अधिक मजबूती हासिल करने वाली कंपनी बनी तो अडाणी एंटरप्राइजेस के शेयरों में 113 प्रतिशत तक उछाल दर्ज किया गया।
इन सेक्टर्स में बहार : 2022 में बैंकिंग सेक्टर और FMCG सेक्टर के शेयरों ने सबसे ज्यादा रिटर्न दिया। फार्मा, ऑटो, एनर्जी, फाइनेंशियल सर्विसेज और मेटल सेक्टर के शेयर में भी जोरदार बढ़त देखी गई। वहीं 2021 तक फायदे का सौदा रहे आईटी सेक्टर ने निवेशकों को काफी निराश किया। रियल्टी, मीडिया जैसे सेक्टर्स में भी निवेशकों की कमाई में गिरावट दर्ज की गई।
कम हुआ छोटी कंपनियों का रिटर्न : लगातार दो साल बेहतर रिटर्न या प्रतिफल देने वाली स्मॉल कैप कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन इस साल फीका रहा। बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव और बैंकों में ब्याज दर बढ़ने से निवेशक इन शेयरों से दूर रहे। बीएसई स्मॉलकैप यानी छोटी कंपनियों के शेयरों का सूचकांक 3 प्रतिशत से अधिक नीचे आया।
दूसरी तरफ मिडकैप सूचकांक 27 दिसंबर तक 215.08 अंक यानी 0.86 प्रतिशत चढ़ा। यह 20 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर 20,814.22 अंक पर और 14 दिसंबर को एक साल के उच्चस्तर 26,440.81 अंक पर पहुंच गया था।
IPO ने किया निराश : 2022 में निवेशकों को IPO ने निराश किया। पेटीएम, पॉलिसी बाजार, LIC, जोमेटो जैसी कंपनियों के आईपीओं की लिस्टिंग भारतीय शेयर बाजार में हुई। हालांकि इन सभी ने निराश किया। PTM को पछाड़कर देश का सबसे बड़ा आईपीओ बनने वाली सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के शेयरों में भी मई से अब तक एक चौथाई से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।
चित्रा रामकृष्ण पर क्यों मचा बवाल? : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO चित्रा रामकृष्ण को NSE को-लोकेशन मामले में CBI ने 6 मार्च को गिरफ्तार किया। इससे पहले 24 फरवरी को NSE के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आंनद सुब्रमण्यन को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में सुनवाई के दौरान CBI के वकील ने दावा किया कि सुब्रमण्यन ने खुद को हिमालय के योगी के रूप में पेश करके चित्रा रामकृष्ण को अपने प्रभाव में ले लिया था।
सेबी की एक रिपोर्ट में सामने आया था कि चित्रा रामकृष्ण सालों तक एक रहस्यमयी योगी के इशारे पर एक्सचेंज को चलाती रहीं। इसके बाद हुई फॉरेंसिक ऑडिट में आनंद सुब्रमण्यन को ही रहस्यमयी योगी बताया गया था। हालांकि सेबी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में इस दावे को खारिज कर दिया था। चित्रा 2013 में NSE की सीईओ बनी थीं। उन्होंने सुब्रमण्यम को अपना सलाहकार नियुक्त किया था।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट रवींद्र आर्य के मुताबिक भारतीय शेयर बाजार के लिए 2022 काफी बेहतर रहा। पेंडेमिक के बाद भारतीय बाजारों ने काफी तरक्की की है। सेंसेक्स ने इस वर्ष काफी ग्रो किया। बैकिंग और फार्मा सेक्टर में निवेश करना फायदे का सौदा रहेगा। अगर 2023 में कोरोना की वापसी नहीं होती है तो BSE और NSE के लिए यह वर्ष भी अच्छा ही रहेगा। आर्य ने बताया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अगर कोई उथल पुथल होती है तो उसका असर भी भारत के शेयर बाजार पर जरूर पड़ेगा।
हालांकि उन्होंने बताया कि फिलहाल भारतीय शेयर बाजार काफी अट्रेक्टिव नजर आ रहा है। आज के समय में निवेश के लिए यह दुनिया में सबसे अच्छा बाजार है। यह नया हाई बनाने के लिए तैयार नजर आ रहा है।