मुख्यत: योग 7 प्रकार के होते हैं- 1.हठयोग, 2.राजयोग, 3.कर्मयोग, 4.भक्तियोग, 5.ज्ञानयोग, 6. तंत्रयोग और 7. लययोग।
1. हठयोग : षट्कर्म, आसन, मुद्रा, प्राणायम, प्रत्याहार, ध्यान और समाधि- ये हठयोग के सात अंग है, लेकिन हठयोगी का जोर आसन एवं कुंडलिनी जागृति के लिए आसन, बंध, मुद्रा और प्राणायम पर अधिक रहता है। यही क्रिया योग है।
2. राजयोग : यम, नियम, आसन, प्राणायम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि यह पतंजलि के राजयोग के आठ अंग हैं। इन्हें अष्टांग योग भी कहा जाता है।
4. भक्तियोग : श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य और आत्मनिवेदन- इन नौ अंगों को नवधा भक्ति कहा जाता है। यही भक्तियोग है।
7. लययोग :- यम, नियम, स्थूल क्रिया, सूक्ष्म क्रिया, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि। उक्त आठ लययोग के अंग है।