एक युवती हिप्नोटिज्म की गहरी अवस्था में सम्मोहनकर्ता के सामने बैठी थी। सम्मोहनकर्ता धीर-गंभीर लहजे में उसे निर्देश दे रहा था। उसने एक पेंसिल के सिरे पर रबर लगाकर कहा कि यह अंगारे की तरह दहक रहा है। यह अंगारे की तरह लाल है। फिर सम्मोहनकर्ता ने उस पेंसिल के साथ जुड़े रबर को युवती की बांह में छुआया। युवती न सिर्फ चिल्ला पड़ी, बल्कि थोड़ी देर बाद वहां छाला भी पड़ गया।
सम्मोहन के इस एक प्रयोग से पता चलता है कि 'मन' की ताकत से ही यह संसार और हमारा 'जीव' संचालित होता है। इस एक उदाहरण से ही यह भी पता चलता है कि कल्पना, विचार और भाव कितना महत्वपूर्ण होता है। इन प्रयोगों से निष्कर्ष निकलता है कि मानसिक उत्प्रेरण का परिणाम शारीरिक बदलाव में देखा जा सकता है। ऐसे में सम्मोहन से निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं-
1. किसी भी शारीरिक रोग को कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है।
2. किसी भी मानसिक रोग को बहुत हद तक ठीक किया जा सकता है।
3. इसके माध्यम से किसी भी प्रकार का डर या फोबिया दूर किया जा सकता है।
4. इससे व्यक्ति का विकास कर सफलता अर्जित की जा सकती है।
7. इसके माध्यम से भूत, भविष्य और वर्तमान की घटनाओं को जाना जा सकता है।
8. इससे अपने पिछले जन्म को जाना जा सकता है।
9. इसके माध्यम से किसी की भी जान बचाई जा सकती है।
10. इसके माध्यम से लोगों का दु:ख-दर्द दूर किया जा सकता है।