मॉर्निंग वॉक से ज्यादा जरूरी है ये 10 कार्य, हर कदम पर मिलेगी सफलता

अनिरुद्ध जोशी
रविवार, 10 अप्रैल 2022 (15:56 IST)
प्रात: काल व्यक्ति जाग पहले जाता है, लेकिन आंखें बाद में खोलता और आंखें खुलने के साथ ही धीरे-धीरे मस्तिष्क भी जागने लगता है। यह इसी तरह होता है जिस तरह की धीरे-धीरे सूर्योदय होता है, उसके पहले ही उजाला हो जाता है। आयुर्वेद और धर्मशास्त्र कहते हैं कि यह समय बहुत ही संवेदनशील संधिकाल होता है। ऐसे में ऐसे समय में हमें कौनसे कार्य करना चाहिए आओ जानते हैं।
 
 
1. शुभ दर्शन करें : नींद से जागते ही आप एकदम से आंखें न खोलें। धीरे-धीरे आंखें खोलें और यह सुनिश्चित करें कि आंखें खुलते ही आपको अच्छी तस्वीर के दर्शन हो। जैसे राधा कृष्ण की तस्वीर, हंस के तस्वीर आदि। हमारी सुबह यदि शुभ दर्शन और शुभ कार्यों के साथ शुरू होगी तो संपूर्ण दिन भी शुभ ही होगा। आंख खुलते ही आप किसी का भी चेहरा देखने से बचें, खासकर किसी ऐसे व्यक्ति, पशु या अन्य का जिसे देखकर आपके मन में अचानक से बुरे भाव आते हो या आपको अच्छा न लगता हो।
 
 
2. स्वर को जानकर ही उठें : आयुर्वेद, योग और धर्म के अनुसार व्यक्ति को आप दाईं करवट लेकर उठें या जान लें कि आपका नाक का कौन से स्वर चल रहा है। उसके अनुसार ही उसी दिशा में करवट लेते हुए उठें। बिस्तर छोड़ते ही हमारी यात्रा प्रारंभ हो जाती है। अत: जो भी स्वर चल रहा हो उसी साइड का पैर निकालकर उठें।
 
3. हथेली दर्शन करें : देव दर्शन के बाद आप सबसे पहले अपनी हथेली के दर्शन करें और भगवान का ध्यान करें। ऐसा करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। ऐसा माना जाता है कि हमारे हाथों की हथेलियों में दैवीय शक्तियां निवास करती हैं। 
 
4. मौन रहें : उठने के कम से कम एक घंटे तक चुप रहें और इस दौरान शौचादि से मुक्त होने का कार्य ही करें। कई लोग उठते ही मोबाइल दर्शन करते हैं या अखबार पढ़ने लग जाते हैं जो कि उचित नहीं है। आजकल लोग सुबह उठते ही कम्प्यूटर या मोबाइल से चिपक जाते हैं जिसकी वजह से उनके जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है। उनकी सेहत और संबंध खराब होने लगते हैं, साथ ही समय प्रबंधन भी गड़बड़ा जाता है।
5. भजन सुनें या प्रर्थना करें : यदि आप पूजा पाठ करते हैं तो शौचादि से मुक्त के बाद ये कार्य करें या प्रार्थना करें या भजन सुनें। दरअसल, हम जब सो रहे होते हैं या सोकर उठ रहे होते हैं तो वह काल संधि का काल होता है। 
 
6. कार्य की प्राथमिकता तय करें : सुबह उठने के बाद सबसे पहले उन कामों के बारे में सोचे जो आपको प्राथमिक रूप से करना है। इस आदत से आप सबसे जरूरी कार्य को निपटाने की क्षमता साहिल करेंगे। जीवन में सफलता हेतु सबसे पहले वही कार्य करना चाहिए जो आपने जीवन में खास है। 
 
7. ध्यान करें : जो लोग देर से सोते हैं, वे देर से ही उठते हैं या उन्हें मजबूरीवश देर से सोना और जल्दी उठता पड़ता है। ऐसे लोगों की सेहत दिन-ब-दिन गिरती जाती है जिसका उन्हें पता नहीं चलता। वे चिढ़चिढ़े हो जाते हैं और उनके संबंधों पर भी गहरा असर होता है। ऐसे में जरूरी है कि सुबह उठकर शौचादि के बाद पांच मिनट का ध्यान करें या अपने ईष्टदेव की पूजा या प्रार्थना करें। इसके बाद ही कोई दूसरा कार्य करें। इसके साथ ही वे अपने खानपान पर ध्यान दें।
 
 
8. टीवी नहीं प्रकृति दर्शन करें : सुबह उठते ही अखबार पढ़ने या टीवी देखने से भी मस्तिष्क पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। सुबह टीवी पर कभी भी लड़ाई-झगड़े, रोने-धोने वाले सीरियल न देखें। इसी तरह रात को सोने से कुछ समय पूर्व भी ऐसा न करें। अत: आप अपनी गैलरी में जाकर प्रकृति के दर्शन करें।
 
9. श्रीराम का नाम लें : सुबह उठते ही किसी गांव या पशु का नाम नहीं लेना चाहिए विशेषकर बंदर, कुत्ता या सूअर का नाम तो कभी नहीं लेना चाहिए। सुबह उठते ही आप श्रीराम, हनुमान या श्रीकृष्ण का नाम लें।
 
 
10. सुबह उठते ही मुस्कुराएं और सकारात्मक बातें करें : सुबह उठते ही झगड़ें नहीं और न ही गड़े मुर्दे उखाड़ने का प्रयास करें। यदि आप ऐसा करते रहेंगे तो जिंदगी में कभी भी बेहतर की आशा न करें। अत: सुबह उठते ही मुस्कुराएं और सकारात्मक बातें करें। सभी के हाल चाल पूछें। सुबह उठकर घर में या दफ्तर जाकर लोगों से कठोर भाषा में बात न करें। अच्छे शब्दों का उपयोग करें।
 
योगासन या मॉर्निंग वॉक करें : सुबह उठते ही कुछ लोग शौच जाए बिना या बिना मंजन किए भोजन करना शुरू कर देते हैं, जो कि बहुत ही गलत है। इससे सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। बिना शौच जाए खाने से पहले की गंदगी बाहर नहीं निकल पाती और बिना मंजन किए खाने से रातभर की मुंह की गंदगी और पेट में चली जाती है। सभी कार्यों से मुक्त होने के बाद सुबह कम से कम 15 मिनट के लिए योगासन, एरोबिक्स, कसरत, साइकिलिंग या मॉर्निंग वॉक करें।

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