खुली आंखों से कैसे ले सकते हैं नींद, जानिए...

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
खुली आंखों से कैसे नींद ले सकते हैं यह तो बहुत ही आश्चर्य वाली बात है। आपने अक्सर देख या सुना होगा कि नींद में चलने वालों की आंखों खुली होते है लेकिन वे सोए रहते हैं। खुली आंखों से वे देखते भी रहते हैं और सोए भी रहते हैं। यह बहुत ही अजीब है, लेकिन हम आपको यह नहीं बताने वाले हैं कि आप नींद में कैसे चले।
हम आपको बताएंगे कि योग के माध्यम से आप खुली आंखों से भी कैसे नींद ले सकते हैं। खासकर यह विद्या उन लोगों के बहुत ही अच्‍छी है जो ऑफिस में कंप्यूटर पर 9 से 12 घंटे काम करते हैं और वे आंखें झपका भी नहीं सकते क्योंकि उनका बॉस उनको ही घूर कर देख रहा होता है। हलांकि वैज्ञानिक कहते हैं कि कार्यालय में 1 से 3 मिनट की झपकी ले लेने से व्यक्ति तरोताजा होकर फिर से कार्य करने लग जाता है।
 
तो आए अगले पन्ने पर जानते हैं कि खुली आंखों से कैसे हम नींद का मजा ले सकते हैं और किसी को शक भी नहीं होगा कि यह व्यक्ति सो रहा हैं। हालांकि ऑफिस में यह विधि आप तभी अपनाएं जबकि आपको बहुत ज्यादा थकान महसूस हो रही है।

शाम्भवी मुद्रा : आंखें खुली हों, लेकिन आप देख नहीं सकते। ऐसी स्थिति जब सध जाती है तो उसे शाम्भवी मुद्रा कहते हैं। ऐसी स्थिति में आप नींद का मजा भी ले सकते हैं। यह बहुत कठिन साधना नहीं है, लेकिन सरल भी नहीं है। इसके ठीक उल्टा कि जब आंखें बंद हो तब आप देख सकते हैं यह भी बहुत कठिन साधना है, लेकिन यह दोनों ही संभव है। असंभव कुछ भी नहीं। बहुत से ऐसे पशु और पक्षी हैं जो आंखे खोलकर ही सोते हैं।
 
दरअसल, हमारी आंखें तो हमारी पलकों से ढंकी होती है जिसे हम बंद होना कहते हैं। नींद तो कुछ और ही रासायनिक प्रक्रिया होती है। जब हम सोते हैं तब हम आंखे बंद कर लेते हैं लेकिन आंखें बंद करने से नींद नहीं आती। नींद तो एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो धीरे धीरे घटीत होती है। बस इसी बात को समझना है। इस मुद्रा को करने का और भी तरीका है लेकिन हम यहां सामान्य तरीका बता रहे हैं।
 
विधि- यदि आपने त्राटक किया है या आप त्राटक के बारे में जानते हैं तो आप इस मुद्रा को कर सकते हैं। सर्वप्रथम सिद्धासन में बैठकर रीढ़-गर्दन सीधी रखते हुए पलकों को बिना झपकाएं देखते रहें, लेकिन ध्यान किसी भी चीज को देखने पर ना रखें। दिमाग बिल्कुल भीतर कहीं लगा हो। जैसे कुछ व्यक्तियों को आपने धुन में देखा होगा या कहे कि वे खयालों में इतने रहते हैं कि उन्हें आसपास का खयाल ही नहीं रहता। बस कुछ इसी तरह की यह विधि है।
 
सलाह- शाम्भवी मुद्रा पूरी तरह से तभी सिद्ध हो सकती है जब आपकी आंखें खुली हों, पर वे किसी भी चीज को न देख रही हो। ऐसा समझें की आप किसी धून में जी रहे हों। आपको खयाल होगा कि कभी-कभी आप कहीं भी देख रहें होते हैं, लेकिन आपका ध्यान कहीं ओर रहता है।
 
अवधि- इस मुद्रा को शुरुआत में जितनी देर हो सके करें और बाद में धीरे-धीरे इसका अभ्यास बढ़ाते जाएं। 
 
लाभ- शाम्भव मुद्रा को करने से दिल और दिमाग को शांति मिलती है। योगी का ध्यान दिल में स्थिर होने लगता है। आंखें खुली रखकर भी व्यक्ति नींद और ध्यान का आनंद ले सकता है। इसके सधने से व्यक्ति भूत और भविष्य का ज्ञाता बन सकता है।
अगला लेख