Yoga Asanas For Nausea: जी मिचलाना एक आम समस्या है जो कई कारणों से हो सकती है, जैसे मोशन सिकनेस, गर्भावस्था, भोजन की विषाक्तता या तनाव। जी मिचलाना बहुत असुविधाजनक हो सकता है और दैनिक जीवन को बाधित कर सकता है। कुछ योगासन हैं जो जी मिचलाने से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। ये योगासन पाचन में सुधार करते हैं, तनाव को कम करते हैं और शरीर को संतुलित करते हैं। ALSO READ: अचानक बढ़ जाए ब्लड प्रेशर, तो करें ये योगाभ्यास
1. अधोमुख श्वानासन (Downward Dog Pose):
यह आसन पाचन में सुधार करता है और मतली को कम करता है।
अपने हाथों और घुटनों के बल आ जाएं, हाथ कंधों के नीचे और घुटने कूल्हों के नीचे।
सांस छोड़ते हुए, अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं और अपने शरीर को एक उल्टे V आकार में लाएं।
अपनी एड़ी को जमीन पर दबाएं और अपनी रीढ़ को सीधा रखें।
5-10 सांसों तक इस स्थिति में रहें।
2. बालासन (Child Pose):
यह आसन तनाव को कम करता है और मतली को शांत करता है।
अपने घुटनों के बल बैठ जाएं और अपने पैरों को एक साथ रखें।
अपने नितंबों को अपनी एड़ी पर टिकाएं और अपने माथे को जमीन पर टिकाएं।
यह आसन पाचन में सुधार करता है और मतली को कम करता है।
अपनी पीठ पर लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़ें।
अपने पैरों के तलवों को एक साथ लाएं और अपने घुटनों को अलग-अलग फैलाएं।
अपने हाथों को अपने पैरों के चारों ओर रखें और अपनी कोहनी को जमीन पर टिकाएं।
5-10 सांसों तक इस स्थिति में रहें।
4. पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose):
यह आसन पाचन में सुधार करता है और मतली को कम करता है।
अपनी पीठ पर लेट जाएं और अपने घुटनों को अपनी छाती की ओर खींचें।
अपनी बाहों को अपने घुटनों के चारों ओर लपेटें और अपनी ठुड्डी को अपनी छाती से लगाएं।
5-10 सांसों तक इस स्थिति में रहें।
5. भुजंगासन (Cobra Pose):
यह आसन पाचन में सुधार करता है और मतली को कम करता है।
अपने पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखें।
सांस लेते हुए, अपने ऊपरी शरीर को जमीन से ऊपर उठाएं, अपनी बाहों को सीधा रखें।
अपनी गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं और अपनी छाती को ऊपर उठाएं।
5-10 सांसों तक इस स्थिति में रहें।
6. शवासन (Corpse Pose):
यह आसन तनाव को कम करता है और मतली को शांत करता है।
अपनी पीठ पर लेट जाएं और अपनी बाहों को अपने शरीर के साथ रखें।
अपनी आंखें बंद करें और अपने शरीर को आराम दें।
5-10 मिनट तक इस स्थिति में रहें।
इन योगासनों को नियमित रूप से करने से जी मिचलाने से राहत मिल सकती है। हालांकि, अगर जी मिचलाना गंभीर है या लगातार बना रहता है, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
सावधानियां:
अगर आपको कोई चोट या स्वास्थ्य समस्या है, तो इन योगासनों को करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
अगर आपको जी मिचलाने के दौरान चक्कर आना या बेहोशी महसूस हो, तो तुरंत योगासन करना बंद कर दें और लेट जाएं।
गर्भावस्था के दौरान, कुछ योगासन करने से बचना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान योगासन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
योगासन को धीरे-धीरे और सावधानी से करें। अपनी सीमाओं का सम्मान करें और दर्द होने पर रुक जाएं।