मेडिकल डिवाइस का हब
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बताया कि भारत मेडिकल डिवाइस का भी हब बन चुका है। साथ ही आने वाले समय में भारत का मेडिकल डिवाइस सेक्टर का मार्केट 50 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। वर्तमान में भारत के मेडिकल डिवाइस सेक्टर के मार्केट की इकॉनमी 11 बिलियन डॉलर तक है। साथ ही मंडाविया ने बताया कि मेडिकल डिवाइस का सेक्टर विश्वभर में तेजी से ग्रो कर रहा है।
AYUSH INDIA: स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण
AYUSH योजना में आयुर्वेद (Ayurveda), योग (Yoga), प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी (Unani), सिद्ध (Siddha), सोवा-रिग्पा (Sowa-Rigpa) व होम्योपैथी (Homoeopathy) आदि शामिल हैं। आयुष मंत्रालय की शुरुआत 9 नवंबर 2014 से हुई थी। इस योजना के तहत हर भारतीय को कम कॉस्ट में बेहतर उपचार दिया जाता है। कोरोना काल के समय आयुष कार्ड के ज़रिए कई लोगों को बहुत कम कॉस्ट में इलाज किया गया है। यह योजना भारतियों के बेहतर स्वस्थ्य को बढ़ावा देने के साथ आयुर्वेद एवं योग के महत्व को विश्वभर में दर्शाने के लिए भी है।
2047 तक भारत की उपलब्धियां
ये सभी गर्व करने वाली उपलब्धियां हैं और साथ ही भारत सार्वभौमिक, किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली हेल्थ फैसिलिटी प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। जैसा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी) 2017 में कल्पना की गई है। 2047 तक भारत में जनसांख्यिकीय, महामारी विज्ञान और आर्थिक परिवर्तन भी होंगे।
सर्जरी में रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी, नैनो तकनीक, बायोटेक, एआई/एमएल जैसी टेक्नोलॉजी के ज़रिए भारत का हेल्थ सेक्टर काफी एडवांस बन चुका है। भविष्य में इस टेक्नोलॉजी का नियमित रूप से और कम लागत में इस्तेमाल भी किया जाएगा। साथ ही भारत में आने वाले वर्ष में हेल्थ सेक्टर काफी एडवांस होने वाला है और 2047 की भारतीय स्वास्थ्य सेवा काफी बेहतर होने वाली है।