भारतीय परंपरा में प्रतिदिन सूर्य देव की पूजा और अर्घ्य देने का खास महत्व है। सूर्य देव को प्रत्यक्ष देव माना जाता है। सूर्य देव इस जगत की आत्मा है। प्रति रविवार,सूर्य पर्व और सूर्य के राशि परिवर्तन, संक्रांति आदि पर सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्व माना गया है।
प्रस्तुत है सूर्य चालीसा का संपूर्ण पाठ
श्री सूर्य चालीसा
दोहा
कनक बदन कुंडल मकर, मुक्ता माला अंग।
पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग।।
चौपाई
जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर।