ब्रिटेन: भारतीय लोगों से जातिगत भेदभाव

गुरुवार, 12 नवंबर 2009 (19:46 IST)
एक नई रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में भी भारतीय उपमहाद्वीप के हजारों लोगों को जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है जिससे जातीय भेदभाव को अवैध करार देने के लिए कानून बनाने की माँग बुलंद होने लगी है।

मौजूदा ब्रिटिश कानून में जाति आधारित भेदभाव से पीड़ित लोगों की रक्षा करने का कोई प्रावधान नहीं है। इस मुद्दे पर इस साल जून में हाउस ऑफ कामंस में लाए गए ‘इक्वेलिटी बिल..2009’(समानता विधेयक) में भी चर्चा हुई लेकिन सरकार ने कहा कि इस बारे में सबूतों की कमी है।

‘वॉयस ऑफ द कम्युनिटी..ए स्टडी इनटू कास्ट एंड कास्ट डिसक्रिमिनेशन इन यूके’ नामक रिपोर्ट का कहना है कि जाति व्यवस्था काफी बड़े पैमाने पर फैली है और कार्यस्थलों तथा कक्षाओं में यहाँ तक कि डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन किए जाने के दौरान भी इस बुराई से हजारों लोग प्रभावित होते हैं।

नए अध्ययन में कहा गया है कि ब्रिटेन में रहने वाले एशियाई लोगों में जाति आधारित भेदभाव के ठोस सबूत मौजूद हैं। रिपोर्ट के अनुसार अध्ययन में शामिल 300 लोगों में से 58 प्रतिशत ने बताया कि उनके साथ उनकी जाति की वजह से भेदभाव हुआ जबकि एक अन्य सवाल के जवाब में 79 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस बारे में शिकायत करने पर पुलिस कोई कार्रवाई करेगी।

अध्ययन में शामिल लगभग आधे लोगों (45 प्रतिशत) ने कहा कि या तो उनको अपने सहकर्मियों की ओर से नकारात्मक व्यवहार झेलना पड़ा या फिर जाति के बारे में टिप्पणियों का सामना करना पड़ा।

नौ प्रतिशत लोगों ने कहा कि अपनी जाति की वजह से उन्हें पदोन्नति में बाधा का सामना करना पड़ा जबकि 10 प्रतिशत ने कहा कि जाति की वजह से उन्हें कम वेतन मिला।

पाँच प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें अपनी जाति की वजह से धमकी भरे व्यवहार का सामना करना पड़ा।

यह अध्ययन यूनिवर्सिटीज ऑफ मैनचेस्टर,हर्टफोर्डशायर और मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वेक्षण से साफ है कि एशियाई लोगों के साथ ब्रिटेन में जाति व्यवस्था का आगमन हो चुका है।(भाषा)

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