ओपेक अब देखेगा मंदी का उबाल

रविवार, 8 फ़रवरी 2009 (22:43 IST)
दुनिया में तेल की ताकत पर अपना रुतबा बनाने वाले खाड़ी देशों की आर्थिक विकास दर में वैश्विक मंदी से 3.5 फीसदी की गिरावट आने की आशंका है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से रविवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देश सऊदी अरब और उसके पाँच पड़ोसी देशों कुवैत, कतर, ओमान और बहरीन के सकल घरेलू उत्पाद में इस वर्ष 3.1 फीसदी की गिरावट आने की आशंका है, जबकि बीते वर्ष इसमें 22.8 फीसदी का इजाफा हुआ था।

आईएमएफ के मुताबिक वैश्विक मंदी के कारण माँग घटने से तेल कीमतों में खासी गिरावट आई, जिसका सीधा असर तेल निर्यात पर आधारित इन देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। खाड़ी देशों में व्यापार और वाणिज्य का केन्द्र बनकर उभरे दुबई का अरबों डॉलर वाला रियलिटी क्षेत्र भी मंदी की चपेट से अछूता नहीं रहा है।

मंदी के कारण यहाँ कई निर्माण परियोजनाएँ ठप पड़ जाने से हजारों की संख्या में लोगों की नौकरी गई है और बैंकों को कर्ज नहीं चुकाए जाने के मामले भी बढ़ गए हैं।

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