आतंकवाद के खिलाफ शनिवार को हजारों मुस्लिम यहाँ एकत्र हुए और दारूल उलूम ने आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी करते हुए इसे 'सर्वाधिक अमानवीय अपराध' करार दिया।
फतवा यहाँ एक आतंकवाद विरोधी सम्मेलन के दौरान जारी किया। इसमें कहा गया है कि इस्लाम की नजरों में दुनिया में कहीं भी दंगा, शांति भंग करना, खूनखराबा करना, मासूम लोगों की हत्याएँ करना सर्वाधिक अमानवीय अपराध है।
जमियत-उलमा-ए-हिंद द्वारा आयोजित सम्मेलन में हिन्दू, मुस्लिम, सिख नेताओं और धार्मिक नेताओं के अलावा देश भर से करीब 70 हजार लोग शामिल हुए।
फतवा में कहा गया है कि इस्लाम शांतिपसंद है। इस्लाम सभी प्रकार की हिंसा को अस्वीकार करता है और किसी रूप में इसकी इजाजत नहीं देता।
सम्मेलन में मौजूदा वैश्विक हालात पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई जिसमें अधिकतर देश मुस्लिमों के प्रति सही नजरिया नहीं रखते।