मशहूर गायिका आशा भोंसले ने कहा कि उनकी अंतिम इच्छा है कि अपने प्रशंसकों के समक्ष गाते हुए उनके प्राण निकलें। लगभग 12 हजार गीत गा चुकी छिहत्तर वर्षीय आशा भोंसले ने यह बात डोंबिविली में एक सार्वजनिक साक्षात्कार के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि मुझे किसी से शिकवा-शिकायत नहीं है। मेरी अंतिम इच्छा अपने प्रशंसकों के सामने गाते हुए अंतिम साँस लेने की है।
उनकी घोषणा ने समारोह में उपस्थित दर्शकों को आश्चर्य में डाल दिया। आशा का साक्षात्कार लोकप्रिय संचालक सुधीर गाडगिल ने किया और उनके करियर और जीवन के अध्याय से जुड़े प्रश्न किए।
वर्ष 1956 में फिल्म सीआईडी से गायन में पहली बड़ी सफलता हासिल करने वाली इस दिग्गज गायिका ने कहा कि मैं प्रशंसकों का ऋण किस प्रकार चुका पाऊँगी, मैं समझ नहीं पा रही हूँ।
गौरतलब है कि आशा भोंसले ने 1948 में पार्श्व गायन शुरू किया था। उन्होंने कहा इन बुलंदियों पर पहुँचाने के पीछे मेरे करोड़ों प्रशंसकों की शुभकामनाओं का फल है।
जीवन के अनुभवों के संबंध में पूछे जाने पर आशा ने कहा कि जब कोई अपना चोट पहुँचाने की कोशिश करता है तो पीड़ा होती है।
भावुकता में बहकर आशा ने कहा कि सामने से हमला किया होता तो मैं हँसकर सह लेती, लेकिन उन्होंने अप्रत्याशित तौर पर मेरी पीठ पीछे खंजर भोंका। हालाँकि आशा ने इस संबंध में विस्तार से कुछ नहीं बताया।