कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चुनावों पर राजनीतिक पार्टियों का धुआंधार प्रचार जारी है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस लगातार प्रचार कर रहे हैं। भाजपा की तरफ से जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही बड़े नेता मतदाताओं को लुभाने के लिए आमसभाएं व रैलियां कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ तृणमूल की ओर से ममता बनर्जी ने प्रचार की कमान संभाल रखी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को बांकुरा में रैली को संबोधित किया। इस सभा में प्रधानमंत्री ने चांदना बाउरी का नाम लेकर ममता बनर्जी को चुनौती दी। आखिर कौन हैं चांदना बाउरी।
चांदना के पास ना तो प्रचार के लिए पैसे हैं, न ही गाड़ी और न ही समर्थकों का हुजूम। चांदना मनरेगा में रजिस्टर्ड मजदूर हैं। उनके पति भी दिहाड़ी मजदूरी करते हैं।
30 साल की चांदना बाउरी लोगों से घर-घर संपर्क कर वोट देने की अपील कर रही हैं। खबरों के अनुसार चांदना के पास संपत्ति के नाम पर 3 बकरियां, 3 गाय (उनमें से एक उनके माता-पिता ने दी थी), एक मिट्टी का कच्चा घर है। 30 वर्षीय चांदना अपनी मेहनत और कर्मठता से पार्टी की जिला इकाई में सदस्य बनीं और विधानसभा चुनाव में टिकट पा सकीं। यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। चांदना रोज सुबह 8 बजे गंगा जल घाटी ब्लॉक के केलई गांव से एक मेटाडोर में भगवा रंग की साड़ी पहनकर अपने लिए वोट मांगने निकल जाती हैं।