Sinh sankranti 2023: सूर्य हर माह राशि परिवर्तन करता है। सूर्य के किसी भी राशि में प्रवेश को संक्रांति कहते हैं। इस अगस्त माह में सूर्य सिंह राशि में प्रवेश कर रहा है जिसे सिंह संक्रांति कहेंगे। 17 अगस्त गुरुवार 2023 के दिन सिंह संक्रांति होगी। सिंह संक्रांति वैसे भादो के माह में होती है लेकिन इस बार अधिकमास होने के कारण यह श्रावण माह में हो रही है तो जानिए कि क्या करने से क्या होगा?
भाद्रपद (भादो) माह की सिंह संक्रांति को उत्तराखंड में घी संक्रांति या ओल्गी संक्रांति कहते हैं।
घी संक्रांति या घिया संक्रांद या घी-त्यार कहते हैं। गढ़वाल में घिया संक्रांद और कुमांऊ में घी-त्यार कहते हैं।
कहा जाता है जो इस दिन घी नहीं खायेगा उसे अगले जन्म में गनेल यानी घोंघे के रूप में जन्म लेना होगा।
यही कारण है कि नवजात बच्चों के सिर और पांव के तलुवों में घी लगाकर जीभ पर भी थोड़ा सा घी रखा जाता है।
चरक संहिता में कहा गया है कि घी- स्मरण शक्ति, बुद्धि, ऊर्जा, बलवीर्य, ओज बढ़ाता है।
घी वसावर्धक है। यह वात, पित्त, बुखार और विषैले पदार्थों का नाशक है।
वस्तुतः यह कृषि और पशुपालन से जुड़ा हुआ एक लोक पर्व है।
सिंह संक्रांति के दिन कई तरह के पकवान बनाकर खाते हैं जिसमें दाल की भरवां रोटियां, खीर और गुंडला या गाबा प्रमुख हैं।
इस दिन दाल की भरवां रोटियों के साथ घी का सेवन किया जाता है। इस रोटी को बेडु की रोटी कहा जाता है।
सिंह संक्रांति के दिन स्नान और दान करने का विशेष महत्व है।
इस दिन सूर्य मंत्र के साथ सूर्यदेव की विशेष पूजा जरूर करना चाहिए।
कुंडली में सूर्यदोष है, तो उसे सूर्यदेव से जुड़ी वस्तुओं का खासकर दान करना चाहिए। जैसे कि तांबा, गुड़ आदि।