शनिदेव आए गुरु के घर, जानिए क्या होगा आपकी राशि पर असर

आचार्य पं भवानीशंकर वैदिक
न्याय के देव शनि महाराज ने 26 अक्टूबर 2017 गुरुवार को धनु राशि में प्रवेश किया है। आइए जानते हैं इस राशि परिवर्तन का आपकी राशि पर क्या होगा असर.... 
 
मेष
 
आपकी राशि कुण्डली में शनि दसवें, ग्यारहवें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में नौवें घर में स्थित है। शनि की दृष्टि ग्यारहवें, तीसरे, छठें घर पर है। इस समय में आप विरोधियों पर हावी होंगे और वे आपसे सुलह करने की कोशिश करेंगे। पहले से चली आ रही परेशानियां व तनाव दूर होगा और आप सुकून महसूस करेंगे।
 
वृषभ (ढैया)
 
आपकी राशि कुण्डली में शनि नौवें, दसवें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में आठवें घर में स्थित है। शनि की दृष्टि दसवें, दूसरे, पांचवें घर पर है। आपको किसी बुरे अनुभव का सामना करना पड़ सकता है जो एक बड़ी रूकावट पैदा करेगा।

 
मिथुन
आपकी राशि कुण्डली में शनि आठवें, नौवें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में सातवें घर में स्थित है। शनि की दृष्टि नौवें, पहले, चौथे घर पर है। इस दौरान भाग्य आपका साथ देगा। इस वर्ष आपको कई शुभ समाचार मिलेंगे। आप लगातार सफलता प्राप्त करेंगे। माता जी के स्वास्थ्य में गिरावट हो सकती है लेकिन नियमित देखरेख करने से उनकी हालत सामान्य हो जाएगी। इस वर्ष किसी नई जगह पर बसने के बारे में सोच सकते हैं। आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा और वातावरण में बदलाव होगा।

 
कर्क
आपकी राशि कुण्डली में शनि सातवें, आठवें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में छठें घर में स्थित है। शनि की दृष्टि आठवें, बारहवें, तीसरे घर पर है। इस समय परिजनों की बातें ध्यान से सुनें और फिर अपनी राय जाहिर करें। कानूनी विवाद में उलझ सकते हैं हालांकि अंत में जीत आपकी ही होगी। कोई पुरानी बीमारी दोबारा आप पर हावी हो सकती है इसलिए सेहत का खास ख्याल रखें। विदेश यात्रा पर जा सकते हैं साथ ही छुट्टियां मनाने के लिए भी बाहर का रूख कर सकते हैं। भाई-बहनों को वक्त दें और उनके साथ स्नेह का भाव रखें। दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ वक्त गुजारें।

 
सिंह
आपकी राशि कुण्डली में शनि छठें, सातवें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में पांचवें घर में स्थित है। शनि की दृष्टि सातवें, ग्यारहवें, दूसरे घर पर है। इसके फलस्वरूप स्थिर आय होने के बावजूद आपको आर्थिक मोर्चे पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए संयम रखें और बेवजह पैसा खर्च ना करें। इस साल वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान देना होगा। बैंक या अन्य संस्था से लिया हुआ लोन चुकता हो जाएगा।

 
कन्या (ढैया)
आपकी राशि कुण्डली में शनि पांचवें, छठें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में चौथे घर में स्थित है। शनि की दृष्टि छठें, दसवें, पहले घर पर है। कार्य स्थल पर आपके प्रयास सार्थक नहीं हो पाएंगे। करियर में सुधार होगा लेकिन परिणाम उतने बेहतर नहीं होंगे। सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
 
तुला
आपकी राशि कुण्डली में शनि चौथे, पांचवें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में तीसरे घर में स्थित है। शनि की दृष्टि पांचवें, नौवें, बारहवें घर पर है। इस दौरान लंबी दूरी की यात्रा करने से धन लाभ की संभावना है। रोजमर्रा की ज़िंदगी में खर्च बढ़ने से परेशानी हो सकती है इसलिए खर्चों पर ध्यान दें। आपकी आय बढ़ेगी इसलिए आमदनी के हिसाब से खर्च करें और पैसे बचाएं। छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर मिलेंगे। इस साल आपको कई अच्छे अवसर मिलेंगे। अगर समय रहते हुए आपने इन अवसरों को भुना लिया तो इसके बेहद प्रभावशाली परिणाम प्राप्त होंगे।

 
वृश्चिक (साढ़ेसाती)
आपकी राशि कुण्डली में शनि तीसरे, चौथे घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में दूसरे घर में स्थित है। शनि की दृष्टि चौथे, आठवें, ग्यारहवें घर पर है। कड़ी मेहनत की बदौलत अधिक से अधिक कमाई करने में सक्षम होंगे। परिजनों के साथ रिश्ते और बेहतर होंगे।
 
धनु (साढ़ेसाती)
आपकी राशि कुण्डली में शनि दूसरे, तीसरे घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में पहले घर में स्थित है। शनि की दृष्टि तीसरे, सातवें, दसवें घर पर है। काम के बोझ से सक्रियता बढ़ेगी इसलिए कुछ बड़ा लक्ष्य हासिल करने की सोच रखें। कार्य स्थल पर सब कुछ अच्छा रहेगा लेकिन काम के दबाव से मानसिक शांति प्रभावित होगी।

 
मकर (साढ़ेसाती)
आपकी राशि कुण्डली में शनि पहले, दूसरे घर का स्वामी होकर बारहवें घर में स्थित है। शनि की दृष्टि दूसरे, छठें, नौवें घर पर है। इस दौरान मौसमी बीमारी से पीड़ित रह सकते हैं। इसलिए स्वच्छ व संतुलित भोजन करें और नियमित रूप से आराम करें। आमदनी के मुकाबले में ज्यादा खर्च होने से मुश्किलें बढ़ेंगी। विदेश से सफलता मिलने के योग हैं। कानूनी मामले और विवादों से परेशानी हो सकती है। पहले से तय किसी भी योजना के बारे में खुले दिमाग से सोचें और फिर कोई फैसला लें। जून के बाद का समय बेहद अच्छा है अत: कठिन परिश्रम से इसका भरपूर दोहन करें।

 
कुंभ
आपकी राशि कुण्डली में शनि बारहवें, पहले घर का स्वामी होकर ग्यारहवें घर में स्थित है। शनि की दृष्टि पहले, पांचवें, आठवें घर पर है। यह आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण समय होगा। मेहनत और कार्य कुशलता की बदौलत अच्छे नतीजे मिलेंगे। छोटे भाई-बहनों की तबीयत बिगड़ सकती है। हालांकि आप स्वस्थ और तंदुरुस्त रहेंगे। अच्छी सेहत के लिए स्वच्छ और संतुलित भोजन करें। पूर्व की कोई बीमारी या कष्ट जिससे आप परेशान हैं उससे छुटकारा मिलेगा। आपकी शिक्षा या बच्चों की ओर से तनाव पैदा होगा। इस समय में प्रेम संबंध भी सुखमय नहीं होंगे। तनाव बढ़ने से परेशानी होगी इसलिए मानसिक शांति के लिए नियमित रूप से योग और प्राणायाम करें।

 
मीन
आपकी राशि कुण्डली में शनि ग्यारहवें, बारहवें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में दसवें घर में स्थित है। शनि की दृष्टि बारहवें, चौथे, सातवें घर पर है। व्यस्त दिनचर्या की वजह से जीवन साथी को ज्यादा समय नहीं दे पाएंगे। इसकी वजह से विवाद की स्थिति पैदा होगी। इसलिए बेहतर होगा कि जीवन साथी व प्रेमिका को समय दें और उनके साथ वक्त गुजारें। परिजनों को भी समय दें और उनके लिए कुछ खास करें जिससे उन्हें खुशी मिले।
 

उपाय के रूप में आप इन वस्तुओं का दान कर सकते हैं...  
 
लोहा, काली गाय या घोड़ा, काले कील, काला कपड़ा, काला फूल, दाल, कस्तूरी। (शनिवार के दिन दोपहर के समय)
 
शनिवार का व्रत भी कर सकते हैं। शनिवार को हनुमान जी का चोला चढ़ाएं और सुंदरकांड का पाठ करें। 

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